नई दिल्ली: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अक्टूबर तक 54 भारतीय दवा निर्माताओं के कफ सिरप के लगभग 6% नमूने निर्यात के लिए अनिवार्य गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने देश भर के विभिन्न राज्यों में नमूनों के परीक्षण के आधार पर डेटा एकत्र करने के बाद अपनी रिपोर्ट जारी की है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ जैसे कई राज्यों में सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण किए गए 2,014 नमूनों में से 128 (या 6%) गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे और ‘मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं’ पाए गए।
नमूना परीक्षण के लिए नामांकित सरकारी प्रयोगशालाओं में भारतीय फार्माकोपिया आयोग, गाजियाबाद (यूपी); केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल), कोलकाता; केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (सीडीटीएल), चेन्नई; सीडीटीएल, मुंबई; सीडीटीएल, हैदराबाद; क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (आरडीटीएल), चंडीगढ़; आरडीटीएल, गुवाहाटी; और कोई एनएबीएल-मान्यता प्राप्त राज्य दवा परीक्षण प्रयोगशाला शामिल नहीं थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात लैब में परीक्षण किए गए 385 नमूनों में से 51 एनएसक्यू थे, जबकि गाजियाबाद लैब में परीक्षण किए गए 502 नमूनों में से 29 गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे।
इससे पहले दुनिया के कई देशों में भारतीय कफ सिरप के कथित दुष्प्रभावों की कई रिपोर्टें सामने आने के बाद सरकार ने ऐसी दवाओं के निर्यात के लिए नियम तय किये थे. मई में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा था कि कफ सिरप निर्यातकों के लिए अपने उत्पादों को विदेश भेजने से पहले नामित सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। सिरप के नमूने की लैब जांच के बाद ही निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में उज्बेकिस्तान में सात बच्चों की मौत को भारत में बनी दो दवाओं से जोड़ा गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 11 जनवरी को इन दोनों दवाओं को मौतों से जोड़ते हुए एक उत्पाद चेतावनी जारी की थी। अलर्ट में कहा गया है कि दोनों कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) अस्वीकार्य स्तर पर पाए गए।
इससे पहले इसी तरह के एक मामले में, एक अन्य भारतीय फर्म – मेडेन फार्मास्यूटिकल्स – द्वारा निर्मित बच्चों की दवाओं को कथित तौर पर गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत से जोड़ा गया था।
WHO ने 5 अक्टूबर को घोषणा की कि मेडेन फार्मास्युटिकल द्वारा बनाए गए कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल हैं, जो मनुष्यों के लिए जहरीले हैं। साथ ही WHO ने फर्म के चार प्रोडक्ट्स प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कॉफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मेकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप पर भी सवाल उठाते हुए अलर्ट जारी किया था।