बेंगलुरु: कर्नाटक के नेहा हिरेमथ मर्डर केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. कर्नाटक कांग्रेस के पार्षद निरंजन हिरेमथ ने कॉलेज परिसर में अपनी 23 वर्षीय बेटी नेहा की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार के खिलाफ बोलने के लिए मंगलवार को माफी मांगी। हुबली-धारवाड़ नगर निगम के कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमथ ने सिद्धारमैया सरकार से उनकी बेटी जैसे मामलों से निपटने के लिए एक कानून बनाने और फास्ट-ट्रैक कोर्ट का नाम नेहा हिरेमथ के नाम पर रखने की मांग की।
नेहा के पिता और कांग्रेस नेता निरंजन हिरेमथ ने कहा, मेरी बेटी के हत्यारे के लिए एनकाउंटर या फांसी ही एकमात्र विकल्प है। मैंने अपनी नेहा से उसकी कब्र पर वादा किया है कि मैं हार नहीं मानूंगा। इससे पहले निरंजन हिरेमठ ने दावा किया था कि उनकी बेटी की हत्या लव जिहाद के कारण की गई है। पिता निरंजन हिरेमथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि अगर ये लव जिहाद नहीं है तो क्या है? और कहा कि जबरन वैवाहिक धर्मांतरण बहुत फैल रहा है।
पिता निरंजन का कहना था कि आरोपी फैयाज ने उनकी बेटी को अपने जाल में फंसाया है. फिलहाल कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकार है. हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि हुबली-धारवाड़ नगर निगम के कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमथ की बेटी नेहा हिरेमथ (23) की 18 अप्रैल को बीवीबी कॉलेज के परिसर में कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। वह एमसीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी जबकि फैयाज उसका पूर्व सहपाठी है। इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, फैयाज ने कथित तौर पर नेहा पर चाकू से कई वार किए। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था लेकिन नेहा कुछ समय से उसे नजरअंदाज कर रही थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच नेहा हिरेमथ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उन्हें महज 30 सेकेंड में 14 बार चाकू मारा गया था. मतलब, आरोपी ने हर 2 सेकेंड में एक बार मृतक पर चाकू से हमला किया।
इस घटना से लोगों में काफी गुस्सा है और यह गुस्सा विपक्षी बीजेपी के बीच राजनीतिक खींचतान में बदल गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस मामले को निजी कारणों से हुई घटना के तौर पर पेश करने की कोशिश की। भाजपा ने इसे ‘लव जिहाद’ मामला करार दिया है और दावा किया है कि यह राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता का प्रमाण है। इस मामले में बीजेपी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े अन्य संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया है और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन कई अन्य जगहों पर भी देखने को मिला।