मंगलुरु | कर्नाटक का मंगलुरु मुस्लिम आबादी के कारण संवेदनशील इलाका है। अब यहां से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मुस्लिम भीड़ सड़क पर यातायात रोककर नमाज अदा कर रही है। वीडियो वायरल होने के बाद जब हिंदू संगठनों और भाजपा ने विरोध किया तो कांग्रेस शासित राज्य पुलिस ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की। घटना कंकणादी इलाके की है। शुक्रवार (24 मई, 2024) को जुमे के दिन मुस्लिम भीड़ सड़क पर जमा हो गई और नमाज अदा की।
इससे दोनों तरफ से आने वाले वाहन रुक गए और यातायात बाधित हो गया। जिस जगह नमाज अदा की गई, उसके सामने एक मस्जिद है। इसके बाद वहां से आने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ा। पुलिस ने अब इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341 (किसी को गलत तरीके से रोकना), 283 (सार्वजनिक रास्ते में बाधा डालना), 143 (गलत तरीके से भीड़ इकट्ठा करना) और 149 (गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना) के तहत मामला दर्ज किया है।
Mangaluru, Karnataka: A group of Islamists were offering Namaz in the middle of the road, causing a traffic jam.
Mangaluru police have lodged an FIR against them and are investigating the matter.
VHP demanded strict action against them and said that if no action is taken, they… pic.twitter.com/8tbJ8bme0Z
— Treeni (@TheTreeni) May 29, 2024
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे भी सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जुटाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। विहिप (विश्व हिंदू परिषद) नेता शरण पंपवेल ने भी सरकार को चेतावनी दी। कार्रवाई के लिए पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा कि हिंदू समाज इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो दंगे भड़क सकते हैं। शरण पंपवेल विहिप के दक्षिणपंथी संगठन के संयुक्त सचिव भी हैं।
उन्होंने कहा कि समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही हैं। दक्षिण कन्नड़ के सांसद नलिन कुमार कटील ने कहा कि यह घटना कांग्रेस राज में कानून का उल्लंघन है। वहीं इस्लामिक संगठन एसडीपीआई के जिला अध्यक्ष अनवर सादात ने कहा कि विहिप इस मामले का इस्तेमाल सनसनी फैलाने के लिए कर रही है। एक अन्य मुस्लिम नेता के अशरफ ने दावा किया कि कभी-कभार होने वाली चीजों का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए किया जा रहा है।