दुनिया की बढ़ी टेंशन, जॉम्बी वायरस को लेकर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक, जानिये कोरोना से कितना खतरनाक है यह?

Corona Virus New Variant

Zombie Virus of Arctic Permafrost Scientists Have Warned Can Bring Pandemic: कोरोना महामारी का आतंक दुनिया से अभी खत्म नहीं हुआ है, वैज्ञानिक नई-नई घातक बीमारियों को लेकर चेतावनी जारी कर रहे हैं। ये आने वाली बीमारियाँ न सिर्फ चिंता बढ़ा रही हैं बल्कि बड़े पैमाने पर तबाही का भी संकेत दे रही हैं।

जॉम्बी वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है. उनका कहना है कि जॉम्बी वायरस एक नई घातक महामारी ला सकता है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। आखिर क्या है ये दुनिया का सबसे खतरनाक जॉम्बी वायरस और वैज्ञानिक इससे क्यों चिंतित हैं? क्या ये कोरोना से भी बड़ी महामारी ला सकता है?

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट में जॉम्बी वायरस जमे हुए हैं। आपको बता दें कि पर्माफ्रॉस्ट पृथ्वी की सतह पर या उसके नीचे जमी हुई परत है। जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट अब पिघल रहा है।

इस वजह से ये वायरस जानलेवा महामारी का कारण बन सकते हैं। ऐसे वायरस साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट में पाए गए थे। प्राचीन ज़ोंबी वायरस को मेथुसेलह रोगाणुओं (Methuselah Microbes) के नाम से भी जाना जाता है।

फैल सकती हैं बड़ी बीमारियाँ

ज़ोंबी वायरस हजारों वर्षों से जमीन में दबे हुए हैं। अगर पृथ्वी का तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो ये वायरस पृथ्वी पर बड़ी बीमारी फैला सकते हैं। इसके खतरे को भांपते हुए वैज्ञानिक आर्कटिक निगरानी नेटवर्क स्थापित कर रहे हैं। इससे इस वायरस से होने वाले शुरुआती मामलों के बारे में पता लगाया जाएगा। इससे पहले भी वैज्ञानिक इस वायरस के खतरे को समझने की कोशिश कर चुके हैं।

हो सकती हैं डरावनी स्थितियाँ 

साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट से लिए गए नमूनों का अध्ययन करके इसकी खोज की गई। 13 वायरस के सैंपल इकट्ठा किए गए और उन पर रिसर्च की गई। अगर आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट इसी तरह पिघलता रहा तो जॉम्बी वायरस दुनिया के लिए भयानक हालात पैदा कर सकता है। ये वायरस सिग्नल सेल जीवों को संक्रमित कर सकते हैं।