Bageshwar Dham : बुंदेलखंड के 108 आध्यात्मिक केंद्रों में एक जागृत केंद्र है ‘बागेश्वर धाम’

बागेश्वर धाम

Bageshwar Dham Balaji Hanuman Temple : छतरपुर। बुंदेलखंड के 108 आध्यात्मिक केंद्रों में से एक छतरपुर जिले का बागेश्वर धाम बालाजी हनुमान मंदिर आस्था का जागृत केंद्र है। 300 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण 1887 में बाबा सेतु लाल गर्ग ने करवाया था।

मान्यता है कि धाम की परिक्रमा करने से दुखों से मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि देश-विदेश से श्रद्धालु बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं।

ऐसा माना जाता है कि बागेश्वर बालाजी धाम में 40,000 शक्तियाँ भक्तों की रखवाली करती हैं। इस धाम में हनुमान जी की 46,000 सेना मंदिर के चारों ओर घूमती है और दुखी लोगों के विचारों को भगवान तक पहुंचाती है।

बागेश्वर सिद्धपीठ के शास्त्री धीरेन्द्र कृष्ण महाराज ने कलयुग के जागृत देवता पिता एवं कलयुग के जागृत देवता राजा हनुमान जी के जीवन से सीख लेकर मानवता, वर्तमान समाज और देश को विश्वगुरु बनाने के संबंध में पत्रिका में मन की बात रखी।

उन्होंने कहा, हनुमान जी कलयुग के राजा हैं। जब श्रीराम परमधाम जाने लगे तो उन्होंने हनुमान जी को राजा बना दिया। राजा के राज्य में कोई भी प्रजा दुखी नहीं रह सकती।

जो कोई भी उनकी शरण में आता है, निश्चित रूप से पिता और राजा के रूप में हनुमान सभी के कष्ट हर लेते हैं। माता-पिता की सेवा करने की हनुमान जी की भावना यदि सभी में आ जाए तो जीवन बच जाता है।

शास्त्री ने हनुमान जयंती कहना गलत बताया। उन्होंने कहा, जयंती उन महापुरुषों की मनाई जाती है, जिनका जीवन पूर्ण हो चुका होता है। हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं।

बागेश्वर धाम में लीलाएं करते हुए। मेहंदीपुर बालाजी, सरसर बालाजी भी लीलाएं कर रहे हैं। कलयुग के जागृत देवता का प्रकाशोत्सव मनाया जाता है।

हनुमान जी से क्या सीख मिलती है?

>> हनुमान जी ने जीवन में जो भी सिद्धि प्राप्त की, जो भी कार्य किया, उसे प्रभु के चरणों में समर्पित कर दिया। उनके जीवन से हमें यही सीख मिलती है कि अपने जीवन का सब कुछ प्रभु को समर्पित करने से चारों युगों में पश्चाताप बना रहेगा।

– वैदिक परंपरा में कैसे लौटें?

>> कलयुग में राम नाम की महिमा होती है। जो भी राम के नाम में डूबता है, धर्म की रक्षा करने वाले ऋषियों, संतों, माता-पिता और गुरु का सम्मान करता है, उस पर कलयुग में हनुमान जी की कृपा अवश्य होती है।