Lok Sabha Elections : चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नामांकन कैसे दाखिल करते हैं? जानिए पूरी जानकारी

Lok Sabha Elections : चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नामांकन कैसे दाखिल करते हैं? जानिए पूरी जानकारी

Lok Sabha Elections : देश 18वीं लोकसभा के लिए मतदान के लिए तैयार है. चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे. पहला चरण 19 अप्रैल से शुरू होगा, जबकि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होगा। नतीजे 4 जून को आएंगे। ऐसे में उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए नामांकन कैसे दाखिल करते हैं। चुनाव आयोग इन उम्मीदवारों से क्या जानकारी मांगता है?

डीएम होते हैं मुख्य निर्वाचन अधिकारी 

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद हर जिले में चुनाव की घोषणा हो गई है. नामांकन प्रक्रिया के दौरान कलेक्टर प्रेस नोट जारी कर सभी को जानकारी देते हैं। जिसके बाद उम्मीदवार जिलाधिकारी के कार्यालय में डीएम के समक्ष नामांकन दाखिल कर सकते हैं। यहां यह बताना भी जरूरी है कि चुनाव के दौरान जिले के कलेक्टर को मुख्य निर्वाचन अधिकारी माना जाता है।

रिटर्निंग ऑफिसर की देखरेख में उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करते हैं. किसी भी चुनाव के दौरान जिले का कलेक्टर जिला स्तर पर चुनाव की कमान संभालता है। नामांकन दाखिल करके ही उम्मीदवार चुनाव आयोग के समक्ष अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि करते हैं।

दस्तावेजों की जांच के बाद उम्मीदवारी तय 

चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद चुनाव आयोग उम्मीदवार के सभी दस्तावेजों की जांच करता है। अगर आयोग को किसी दस्तावेज में कुछ भी संदिग्ध लगता है तो चुनाव आयोग उस उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द भी कर सकता है। उम्मीदवार चुनाव मैदान में वोट मांगने के लिए तभी प्रचार कर सकते हैं जब उनकी उम्मीदवारी चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत घोषित की जाए। जिसके बाद जनता अपना अमूल्य वोट देकर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करती है।

वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इसके तहत कोई भी भारतीय नागरिक नामांकन दाखिल कर लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा कर सकता है। इसके लिए शर्त यह है कि उसका नाम वोटर लिस्ट में मौजूद होना चाहिए।

देश की राजनीतिक पार्टियाँ अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती हैं और उनके चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ती हैं। इसे पार्टी का टिकट मिलना भी कहते हैं। नामांकन के दौरान उम्मीदवार पार्टी चिन्ह के साथ नामांकन पत्र जमा करते हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग उन्हें संबंधित पार्टी का चुनाव चिन्ह देता है।

उम्मीदवार ऐसे जमा कर सकते हैं नामांकन

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने देश के हर हिस्से में अलग-अलग लोकसभा सीटों के लिए रिटर्निंग ऑफिसर और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। कोई भी उम्मीदवार जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है. नामांकन के साथ-साथ उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के पास निर्धारित सुरक्षा राशि भी जमा करनी होती है।

चुनाव अधिकारी के मुताबिक, कोई भी उम्मीदवार नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया के दौरान सीमित वाहनों का उपयोग कर सकता है। साथ ही इन वाहनों को निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के 100 मीटर सामने खड़ा करने का आदेश है। इस दौरान कोई भी प्रत्याशी चुनाव अधिकारी की अनुमति के बिना ढोल का प्रयोग नहीं कर सकेगा।

उम्मीदवार को शपथ पत्र में सारी जानकारी देनी होगी

नामांकन पत्र जमा करते समय उम्मीदवार को नोटरी स्तर पर बनवाया गया शपथ पत्र भी जमा करना होगा. इस हलफनामे में उम्मीदवार को अपनी आय-व्यय के ब्योरे से लेकर हर जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके द्वारा दी गई हर जानकारी सही हो। इस दौरान उम्मीदवार को पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज चुनाव आयोग को देने होंगे।

चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी देना जरूरी

सांसद बनने से पहले उम्मीदवार को नामांकन फॉर्म में अपनी चल-अचल संपत्ति, पत्नी और अगर आश्रित बच्चे हैं तो अपनी आय, व्यय और कर्ज की सारी जानकारी देनी होती है।

हथियार, आभूषण और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी देना भी जरूरी 

उम्मीदवार को यह भी जानकारी देनी होगी कि उसके पास कितने हथियार हैं, कितने आभूषण हैं, शैक्षणिक योग्यता आदि। नामांकन पत्र में आय के साधन का भी उल्लेख करना होगा। इसके अलावा उम्मीदवार पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं? कितने मामलों में कोर्ट में केस चल रहा है? और कितने मामलों में सज़ा हुई इसकी भी जानकारी देनी होगी। इन सभी मामलों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से देनी होगी।

नामांकन पत्रों की जांच और वापसी की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण

जब उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करते हैं। इसके बाद चुनाव आयोग उम्मीदवारों द्वारा दी गई हर जानकारी की बारीकी से जांच करता है. इस पूरी प्रक्रिया को स्क्रूटनी कहा जाता है। नामांकन के बाद नामांकन वापस लेने के लिए भी आयोग कुछ दिन निर्धारित करता है. इस समय तक उम्मीदवार चाहे तो चुनाव से अपना नाम वापस भी ले सकता है।

चुनाव आयोग के मुताबिक नामांकन पत्र सही ढंग से भरा जाना चाहिए, अगर नामांकन पत्र में कोई गलती पाई जाती है तो ऐसा नामांकन पत्र अवैध माना जाता है और उम्मीदवारी भी रद्द कर दी जाती है।

जांच में सब कुछ सही पाए जाने पर उम्मीदवार को अपनी इच्छानुसार नाम वापस लेने का भी समय मिल जाता है. इसके लिए अभ्यर्थी को शपथ पत्र में घोषणा पत्र देना होगा। इसमें नाम वापस लेने की जानकारी देनी होती है, फिर सत्यापन के बाद चुनाव आयोग उम्मीदवार का नाम वापस कर देता है। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतर सकता है।