राहुल का रायबरेली पर ‘दांव’, अमेठी में होगा ‘एकतरफ़ा’ चुनाव?

Rahul-Gandhi

राहुल गांधी ने अमेठी जाने के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ना स्वीकार किया।  अब इसका सीधा-सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी ने मनोवैज्ञानिक तौर पर उठा लिया। प्रधानमंत्री से लेकर स्मृति ईरानी तक सब कांग्रेस पर हमलावर हुये है। प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के लिए कहा कि ‘डरो मत’

अब राहुल गांधी डर रहे हैं। कांग्रेस डर रही है। इसी व्याख्या के साथ भारतीय जनता पार्टी देश भर में अपने कैंपेन को आगे बढ़ाएगी। आपको याद होगा राहुल गांधी ने ही यह नारा दिया था कि ‘डरो मत’ और वह क्लेम भी करते थे कि ‘मैं किसी से नहीं डरता’ और हाल यह है की राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पाए; और वहां उतार दिया गांधी परिवार ने अपने एक पुराने व्यवस्थापक किशोरी लाल शर्मा को। अब किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के कितने भी सेवादार रहे हो लेकिन उनकी स्थिति क्या है, यह आपने देख लिया होगा।

आज जब किशोरी लाल शर्मा अमेठी से पर्चा भर रहे थे, नामांकन दाखिल कर रहे थे, तब उनके साथ एक भी बड़ा नेता उनके साथ में नहीं था। एक भी बड़ा नेता मौजूद नहीं था। किशोरी लाल के पास सिर्फ कहने को इतना था कि राहुल जी मेरे चुनाव प्रचार में आएंगे। लेकिन उनके नामांकन के समय एक भी बड़ा नेता जिसकी कांग्रेस में कोई हैसियत हो, वह नहीं मौजूद था।

सारे नेता राय बरेली राहुल जी कुछ चेहरा दिखाना राहुल गांधी को अब भारतीय जनता पार्टी कह रही कि कांग्रेस दोनों स्थानों से हारेगी। कांग्रेस कह रही है कि राहुल गांधी का कोई मुकाबला ही नहीं है। राय बरेली में जय जय है। लेकिन लाख टक्के का सवाल यह कि अमेठी हारे, तो वायनाड से हार गए, तो इस बात की गारंटी कौन देगा कि आप रायबरेली में रहेंगे और टिकें।

यह सवाल भारतीय जनता पार्टी ने उछाल दिया है। सियासत की हवा में राहुल गांधी जब कैंपेन में उतरेंगे, तो रायबरेली में उनको इस बात का उत्तर देना होगा और रायबरेली वही सीट है। जहां सोनिया गांधी पिछला चुनाव बहुत कम मार्जिन से जीत पाई थी। जितने मार्जिन से अपेक्षित जिस अपेक्षाकृत अंतर से वह पहले जीतती रही थी।

उसके मुकाबले बहुत कम अंतर से जीती थी। सोनिया जी 2019 में और उसी के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से अपने को दूर कर लिया और अंततः वो राजस्थान चली गई। राज्यसभा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आज इस सवाल को भी उठ उठाया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी चली गई राजस्थान, राहुल गांधी अमेठी छोड़ आ गए। रायबरेली गांधी खानदान चुनाव लड़ने से डर रहा है। क्या गांधी परिवार को डर लग रहा है, चुनाव से क्या सेफ सीट समझकर राहुल गांधी ने खुद को रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। क्या अमेठी में कांग्रेस को खतरा लग रहा था। इसलिए खतरे वाली सीट किशोरी लाल शर्मा को सौंप दी गई।