चुनावी बॉन्ड पॉलिटिक्स : चिदंबरम ने सुझाए ये 3 विकल्प, चुनावी बॉन्ड को बताया रिश्वत लेने का कानूनी तरीका

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम @ फोटो : आजतक

Electoral Bond Politics: इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिवसीय कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए। इस दौरान चिदंबरम ने आगामी लोकसभा चुनाव, इलेक्टोरल बॉन्ड और मोदी सरकार पर खुलकर चर्चा की।

चिदम्बरम ने कहा कि चुनावी बांड ने एक तरह से रिश्वतखोरी को वैध कर दिया है और इसका सबसे ज्यादा फायदा सत्ताधारी पार्टी को हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस दिन चुनावी बांड को मंजूरी दी गयी. मैंने उसी दिन कहा था कि रिश्वतखोरी को कानूनी मंजूरी दे दी गई है और मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं।

चुनावी बांड पर क्या बोले चिदंबरम?

जब उनसे पूछा गया कि आपकी राय में चुनावी बांड की जगह किस तरह की व्यवस्था को मंजूरी दी जानी चाहिए? इस पर चिदंबरम ने कहा कि दो-तीन रास्ते हैं। सबसे पहले, चुनाव आयोग को अधिकतम खुले प्रचार की अनुमति देनी चाहिए। लेकिन आयोग ने इस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। पिछले साल तमिलनाडु चुनाव में हम एक भी रोड शो नहीं कर सके। अब चुनाव ज़मीन पर कम, सोशल मीडिया पर ज़्यादा लड़े जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दूसरा समाधान यह है कि उम्मीदवारों को चुनाव में बड़ी मात्रा में धन खर्च करने की अनुमति दी जाए. जब मैंने 1984 में चुनाव लड़ा था तो एक दिन के लिए कार किराए पर लेने का किराया 400 से 500 रुपये था। आजकल एक दिन के लिए 4000 से 5000 रुपये में कार किराए पर मिल जाती है। चुनाव कम पैसे से नहीं लड़े जाते। तीसरा तरीका है स्टेट फंडिंग, इससे सभी राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे में पारदर्शिता आएगी।

देश में हिंदुत्व की लहर के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि अगर उत्तर भारत के हिंदी भाषी इलाकों में हिंदुत्व की लहर है तो वहां के लोग उसी हिसाब से वोट करेंगे. लेकिन इससे लोगों की समस्या का समाधान नहीं होगा और वे संघर्ष करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये वोट किसी खास पार्टी को नहीं जाएगा बल्कि ये वोट हिंदुत्व के नाम पर पड़ेगा.

एनडीए गठबंधन में भाई-भतीजावाद कूट-कूट कर भरा है

परिवारवाद पर हालिया विवाद पर चिदंबरम ने कहा कि कम से कम उन पार्टियों को परिवारवाद की बात नहीं करनी चाहिए जिनके गठबंधन में परिवारवाद है। अकाली दल से लेकर जेजेपी, इनेलो, आरएलडी और टीडीपी तक सभी परिवारवाद से जुड़े हुए हैं। अगर आप इसके खिलाफ हैं तो गठबंधन में उनके साथ कैसे जुड़े हैं।

मोदी के तीसरे कार्यकाल में संविधान में बदलाव होंगे

चिदंबरम ने कहा कि मुझे डर है कि अगर बीजेपी दो-तिहाई बहुमत से लोकसभा चुनाव जीतती है तो संविधान में कई संशोधन होंगे. फिर तुम्हें, मुझे और हम सबको पछताना पड़ेगा। आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की संभावनाओं से जुड़े सवाल पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बीजेपी के तमाम दावों के बावजूद कई जगह ऐसी हैं जहां कांग्रेस जीतेगी। मैं यह नहीं कह सकता कि हम सरकार बनाएंगे या नहीं, लेकिन कई राज्यों में जीत जरूर मिलेगी।