BJP First Candidate List Analysis: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस सूची में 195 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। लेकिन इस सूची में शामिल लोगों से ज्यादा चर्चा उन नेताओं की हो रही है जिन्हें इसमें जगह नहीं मिली है।
ऐसे नेताओं में बीजेपी की फायरब्रांड नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर, रमेश बिधूड़ी और परवेश साहिब सिंह वर्मा शामिल हैं। ये तीनों नेता फिलहाल सांसद हैं, लेकिन बीजेपी ने इनकी सीटों पर दूसरे नेताओं को टिकट दिया है। इस रिपोर्ट में जानिए कि बीजेपी ने इन तीन नेताओं को दोबारा मौका क्यों नहीं दिया और ऐसा करके वह देश की जनता को क्या संदेश देना चाहती है?
अगर इन तीनों नेताओं के इतिहास पर नजर डालें तो तीनों में एक बात समान नजर आती है। तीनों नेता संसद के अंदर और बाहर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें टिकट न देने का फैसला कर यह संदेश देने का फैसला किया है कि पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर कोई गलती नहीं करना चाहती है।
इसके अलावा भगवा पार्टी ने इस कदम से यह भी बताने की कोशिश की है कि चाहे किसी भी नेता या सांसद का कद कितना भी बड़ा क्यों न हो, चुनाव के दौरान वह उसी चेहरे पर भरोसा करेगी जो पार्टी को जीत दिलाने की क्षमता रखता हो। कम से कम उसके उम्मीदवारों की पहली सूची तो कुछ ऐसा ही संकेत दे रही है।
प्रज्ञा ठाकुर का टिकट क्यों काटा गया?
प्रज्ञा ठाकुर मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से सांसद हैं। उनकी जगह बीजेपी ने आलोक शर्मा को टिकट दिया है. प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं। पिछले चुनाव में जब उन्हें टिकट दिया गया था तो इस पर काफी विवाद हुआ था. सांसद के तौर पर अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान भी उनका नाम कई विवादों में आया।
एक बार उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर ने इसके लिए माफी मांग ली है लेकिन मैं उन्हें कभी पूरी तरह माफ नहीं कर पाऊंगा। माना जा रहा है कि इन्हीं सब कारणों से बीजेपी ने इस बार उन्हें मौका नहीं दिया है।
रमेश बिधूड़ी को क्यों नहीं मिला मौका?
दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रमेश बिधूड़ी पर भी बीजेपी ने इस बार भरोसा नहीं जताया है। बिधूड़ी अपने विवादित बयानों के कारण भी चर्चा में रहे हैं। पिछले साल सितंबर में लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने अमरोहा के सांसद दानिश अली के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था।
बीजेपी ने जारी की 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, पीएम मोदी समेत 34 मंत्रियों के नाम शामिल
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इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिधूड़ी को सख्त लहजे में चेतावनी भी दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने माफी भी मांग ली, लेकिन बीजेपी की इस सूची में उनका नाम शामिल न होना यह दर्शाता है कि पार्टी उनके रुख और आचरण से संतुष्ट नहीं है. इसीलिए इस बार उनकी जगह बीजेपी ने दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया है।
प्रवेश सिंह वर्मा को भी सजा हुई
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा से सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा का समर्थक आधार काफी मजबूत माना जाता है। लेकिन अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले प्रवेश वर्मा को इस बार टिकट नहीं दिया गया है। उनकी सीट से बीजेपी ने कमलजीत सहरावत को अपना उम्मीदवार बनाया है।
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले वर्मा ने शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार होती तो प्रदर्शनकारियों को एक घंटे के अंदर वहां से हटा दिया गया होता। इसके बाद साल 2022 में उन्होंने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया।