मुंबई : चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है। उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि मैंने कल सड़क पर उतरकर उन चोरों को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो चुनाव लड़ो और जीतो। मैंने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है, मैंने केवल बीजेपी छोड़ी है।
इस दौरान उद्धव ने कहा कि वह कांग्रेस की तरफ नहीं गए थे, बल्कि बीजेपी ने उन्हें धक्का दिया था। क्योंकि बीजेपी ने गठबंधन तोड़ दिया, मैंने नहीं। मैं तब भी हिंदू था और आज भी हिंदू हूं।
उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि, लंबे समय बाद मैं हिंदी भाषा का चलन बढ़ा रहा हूं। क्योंकि मुझे नहीं पता था कि चुनाव आयोग इस तरह का फैसला करेगा। मेरा धनुष-बाण छिन गया है, लेकिन अब प्रभु श्री राम हमारे साथ हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले सभी घर आते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से घर आने वालों की संख्या कम हो गई है। काशी और महाराष्ट्र का रिश्ता बहुत पुराना है। हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी फैसला हो जाएगा, वे हमारे धनुष-बाण ले गए, लेकिन अब राम हमारे साथ हैं।
इस दौरान उद्धव ने बिना नाम लिए अमित शाह पर निशाना साधा और कहा कि कल कोई पुणे आया था, पूछा कि सब कैसे चल रहा है। इस पर उन्हें जवाब मिला कि चुनाव आयोग ने हमारे पक्ष में फैसला लिया है। उनका मानना है कि उनकी पार्टी में रहने वाले ही हिंदू और हिंदुत्ववादी हैं।
उद्धव ने कहा कि, कल मैंने उन्हें ललकारा था कि धनुष लेकर सामने आओ, मैं अपनी मशाल लेकर तुम्हारे सामने आऊंगा। मैंने बीजेपी छोड़ी है, हिंदुत्व नहीं, क्योंकि मैं उनका हिंदुत्व नहीं मानता। मेरे पिता और मेरे लिए हिंदुत्व का मतलब देशभक्ति है। मैं जनता से पूछता हूं कि मैंने क्या गलती की।
उद्धव ने कहा कि जो लोग आज हिंदुत्व की बात कर रहे हैं, वे दंगों के वक्त कहां थे? अब 56 इंच का सीना दिखा रहे हैं, लेकिन तब आपको पसीना आ रहा था। साथ ही कहा कि मैंने गठबंधन नहीं तोड़ा, लेकिन बीजेपी ने मुझे मजबूर किया। भाजपा ने मुझे महाविकास अघाड़ी गठबंधन के साथ जाने के लिए मजबूर किया, जबरदस्ती धकेल दिया।