Strike in UK : ब्रिटेन में हड़ताल का नया दौर, बढ़ता जा रहा है अर्थव्यवस्था का संकट

Strike in Britain: New round of strike in Britain crisis of economy is increasing

Strike in UK : ब्रिटेन में मजदूरों का असंतोष चरम पर पहुंच गया है। बुधवार को वहां जो भारी हड़ताल हुई, वह पिछले कई दशकों में नहीं हुई थी। इस हड़ताल के चलते देशभर के स्कूल और विश्वविद्यालय बंद रहे और ट्रेनें नहीं चलीं।

सरकारी कार्यालयों में भी कामकाज प्रभावित रहा। ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि ब्रिटेन में सामान्य जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है. लाखों कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया।

कर्मचारी बढ़ती महंगाई को देखते हुए अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं। लंदन में प्रदर्शन ट्रेड यूनियन कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 48 यूनियन शामिल थे। ये लोग ऋषि सुनक सरकार द्वारा पेश विधेयक का विरोध कर रहे हैं.

जिसके तहत हड़ताल के अधिकार में कटौती का प्रावधान किया जा रहा है. इसमें प्रावधान है कि हड़ताल के दौरान भी फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और रेल सेवा जारी रखना कर्मचारियों की जिम्मेदारी होगी.

यूनियनों ने हाल ही में वेतन वृद्धि के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष से चार से पांच फीसदी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव किया था। यूनियनों का कहना है कि देश में महंगाई की दर 10 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. इसलिए उनके वेतन में कम से कम दस फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए।

Strike in UK : रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को हुई हड़ताल से इंग्लैंड और वेल्स में स्थित लगभग 23,500 स्कूल प्रभावित हुए। कई स्कूल पूरी तरह बंद रहे। यूनिवर्सिटी और कॉलेज यूनियन की अपील पर 70,000 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। ये कर्मचारी 18 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे।

इससे 25 लाख छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। दूसरी ओर, एक लाख से अधिक कर्मचारी, सार्वजनिक और वाणिज्यिक सेवा संघ के सदस्य भी बुधवार को हड़ताल पर चले गए। वेतन वृद्धि के अलावा उनकी मांगों में पेंशन, नौकरी की सुरक्षा भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हड़ताल के कारण देश में करीब 30 फीसदी ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं।

विश्लेषकों के मुताबिक, पहले से ही संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था हड़ताल के कारण और संकट में आ रही है। विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, ब्रिटेन उन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, जो इस साल मंदी की चपेट में आने वाले हैं।

आईएमएफ ने कहा है कि उत्पादन में गिरावट और आवास की कीमतों में वृद्धि के साथ ब्रिटेन में ऊर्जा मुद्रास्फीति जारी रहने की उम्मीद है। आईएमएफ के रिसर्च डायरेक्टर पियरे-ओलिवियर गोरिंचा के मुताबिक, ब्रिटेन में इस साल महंगाई दर आठ फीसदी से ऊपर रहेगी। जबकि दुनिया में इसका औसत 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है।

आईएमएफ की इस रिपोर्ट के आने के बाद से ब्रिटेन में बेचैनी बढ़ गई है। शिक्षक संघ के नेता नियाम स्वीनी ने अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन से कहा- शिक्षकों के लिए औसतन पांच प्रतिशत वेतन वृद्धि पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तविक वेतन में गिरावट के कारण शिक्षक नौकरी छोड़ रहे हैं, जबकि नए शिक्षकों की भर्ती करना मुश्किल हो गया है।

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