Maratha Reservation | मुंबई: मराठा आरक्षण पर पुनर्विचार याचिका गुरुवार को खारिज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि बीते दिन (गुरुवार) को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण से जुड़ी समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी. मराठा आरक्षण का मुद्दा आने वाले चुनाव में राजनीतिक रूप से परेशान कर सकता है। बता दें कि मराठा समुदाय के लिए 16 फीसदी आरक्षण लागू किया गया था।
Maharashtra government to file curative petition in Supreme Court after its review petition on Maratha reservation was dismissed yesterday. Maharashtra govt is determined to serve justice to the Maratha community: CM Eknath Shinde
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— ANI (@ANI) April 21, 2023
वहीं, हाईकोर्ट ने शिक्षा में 12 फीसदी और सरकारी नौकरियों में 13 फीसदी आरक्षण लागू किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने मराठा आरक्षण को अवैध घोषित कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा था कि 50 फीसदी आरक्षण की अधिकतम सीमा को पार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने जून 2021 में मराठा आरक्षण पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी. उस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने इस मुद्दे पर कहा था कि आरक्षण को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।
उनके आपसी आरोप-प्रत्यारोप से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। पक्ष और विपक्ष के लोगों को एक साथ आना चाहिए और इस लड़ाई को पूरी ताकत के साथ कोर्ट में आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।