Under Construction Tunnel Collapsed in Uttarakhand: जहां पूरा देश दिवाली के त्योहार को मनाने में व्यस्त है, वहीं उत्तराखंड बड़ी मुसीबत में फंस गया है। उत्तराखंड में खुशियों के बीच आफत आ गई है। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग ढह गई है, जिसके अंदर 35 से ज्यादा मजदूर फंसे बताए जा रहे हैं।
मजदूर करीब 800 मीटर की दूरी पर फंसे हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है. जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने हादसे की पुष्टि की है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल कंपनी कर रही है, जो अब मलबा हटाने में जुटी है. मौके पर पुलिस, जिला प्रशासन, कंपनी के अधिकारी, एंबुलेंस के साथ एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
मजदूरों को पाइप के जरिए दी जा रही है ऑक्सीजन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक इस हादसे में किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. फंसे हुए मजदूरों को ऑक्सीजन पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही है। हादसा रविवार सुबह करीब 5 बजे हुआ। सिल्क्यारा की ओर सुरंग के अंदर 200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ है। हादसे के वक्त मजदूर काम कर रहे थे।
Uttarakhand | Inside visuals from the under-construction tunnel from Silkyara to Dandalgaon in Uttarkashi that collapsed, late on Saturday night.
DM and SP of Uttarkashi district are present at the spot. SDRF, and Police Revenue teams are also present at the spot for relief… pic.twitter.com/XyUgOPt2NE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 12, 2023
ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत नवयुग कंपनी द्वारा सिल्कयारा से डंडालगांव तक बनाई जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। 4 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई है। पहले सुरंग का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब इसे मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सुरंग के निर्माण से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी।
BREAKING: Under construction tunnel in Uttarakhand collapsed. Around 40 workers are reportedly trapped inside. Rescue ops are ongoing.
pic.twitter.com/LQEX6qtmHH— Cow Momma (@Cow__Momma) November 12, 2023
ऐसा ही इससे पहले चमोली में भी हुआ था हादसा
आपको बता दें कि अब से पहले उत्तराखंड के चमोली जिले में तपोवन सुरंग भी ढह गई थी. यह हादसा 2021 में हुआ था. मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे। सुरंग से मलबा हटाने के लिए जेसीबी और डंपर लगाए गए, लेकिन कई दिनों की मेहनत के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए ड्रिलिंग की गई, लेकिन मजदूरों को बचाने में देरी हुई। उस हादसे में करीब 53 मजदूरों की जान चली गई थी।