CAA will Be Implemented | नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पारित हुए कमोबेश पांच साल बीत चुके हैं। अब केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले इसे देश में लागू कर सकती है। सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इसकी सभी तैयारियां हो चुकी हैं और आचार संहिता से पहले इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह भी अपने चुनावी भाषणों में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने घोषणा की थी कि इसे लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर दिया जाएगा। इस कानून के तहत तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले मुस्लिम समुदाय को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
इन देशों के लोगों को मिलेगी नागरिकता
साल 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था. इसमें 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। नियमों के मुताबिक, नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में होगा।
नागरिकता के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा
केंद्र सरकार ने CAA से जुड़ा एक वेब पोर्टल भी तैयार किया है, जिसे आने वाले समय में लॉन्च किया जाएगा. तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यकों को पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा और सरकारी जांच के बाद उन्हें नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
2019 में कानून बना, विरोध हुआ
साल 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिक कानून में संशोधन करने के साथ ही पूरे देश में एनआरसी लागू करने की घोषणा की थी। एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर तैयार किया जाना था. इसके तहत भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निर्वासित करने का प्रावधान किया जाना था।
केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। सरकार सीएए लागू भी नहीं कर पाई और अब चुनाव से पहले इसे लागू करने की कोशिशें फिर से शुरू हो गई हैं।