नई दिल्ली: गुरुवार को कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘हैं तैयार हम’ रैली में कहा कि देश में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई चल रही है। लोग सोचते हैं कि ये सत्ता की लड़ाई है, लेकिन इस लड़ाई की बुनियाद विचारधारा है।
नागपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘एनडीए और इंडिया गठबंधन में कई पार्टियां हैं लेकिन लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है।’
उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भारत की जनता और महिलाओं को कोई अधिकार नहीं था। दलितों को छूना भी मना था, यही आरएसएस की विचारधारा है। हमने इसे बदल दिया है और वे इसे वापस लाना चाहते हैं, वे भारत को वहीं लौटाना चाहते हैं, जहां यह आजादी से पहले था।
कांग्रेस सांसद ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा, एक तरफ युवाओं पर हमला किया जा रहा है और दूसरी तरफ देश की पूरी संपत्ति भारत के 2-3 अरबपतियों को दी जा रही है। 1,50,000 युवा हैं भारतीय सेना द्वारा सैन्य सेवा दी जा रही थी और वायु सेना के लिए चुना गया था। मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना लागू की और इन युवाओं को सेना और वायु सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं दी, उन्हें सेना में भर्ती होने से मनाई की है।
आपको बता दें कि कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर ‘हैं तैयार हम’ रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बीजेपी और आरएसएस पिछले 10 साल से देश को परेशान कर रहे हैं। अगर संघीय सरकार को नहीं रोका गया तो देश विनाश की ओर चला जाएगा और देश का लोकतंत्र और संविधान समाप्त हो जाएगा।
बीजेपी की विचारधारा राजाओं जैसी
गांधी ने आगे कहा कि, हाल ही में बीजेपी के एक सांसद मुझसे लोकसभा में मिले थे, उन्होंने कहा कि मैं आपसे बात करना चाहता हूं। उसके चेहरे पर चिंता थी। जब मैंने पूछा कि सब ठीक है? तो उन्होंने कहा कि नहीं, सब ठीक नहीं है। मुझे बीजेपी में रहना अच्छा नहीं लगता, मेरा दिल कांग्रेस में है। बीजेपी में गुलामी जारी है, ऊपर से जो भी कहा जाता है, बिना सोचे-समझे करना पड़ता है।
लगातार बीजेपी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, बीजेपी की विचारधारा राजाओं की विचारधारा है, वो किसी की नहीं सुनते। बीजेपी में आदेश ऊपर से आता है और सभी को मानना पड़ता है। जबकि कांग्रेस पार्टी में आवाज कार्यकर्ताओं की ओर से आती है और हम इसका सम्मान करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सभी संस्थानों पर कब्जा कर रही है। पहले कहा जाता था कि मीडिया लोकतंत्र का संरक्षक है। मैं आपसे पूछता हूं कि, क्या आज देश का मीडिया लोकतंत्र की रक्षा कर रहा है?