2024 Elections | बेंगलुरु में चल रही विपक्षी पार्टियों की बैठक में फैसला लिया गया है कि अब उनके समूह का नाम INDIA होगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इस विपक्षी समूह को पहले UPA के नाम से जाना जाता था। अब ये सभी विपक्षी दल INDIA गठबंधन का हिस्सा होंगे। इस India का पूरा नाम ‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस’ है।
बता दें कि बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक चल रही है। बीते दिन यानी 17 जुलाई को बैठक का पहला दिन अनौपचारिक था, जिसमें चर्चा के बाद रात्रिभोज का आयोजन किया गया था। इसके बाद आज औपचारिक बैठक हुई, जिसमें महागठबंधन के नाम पर चर्चा हुई।
कल रात की बैठक में सभी दलों से नाम सुझाने को कहा गया था और आज की बैठक के दौरान इन पर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से ‘INDIA’ नाम पर सहमति बनी। इस India का पूरा नाम ‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस’ है।
बीजेपी नेताओं में सहयोगियों के लिए होड़
बेंगलुरु में चल रही इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मुझे खुशी है कि 26 पार्टियां एकजुट होकर काम करने के लिए मौजूद हैं। अभी हम सबकी मिलकर 11 राज्यों में सरकार है। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं। उन्होंने अपने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और सत्ता में आईं और फिर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया।
खड़गे ने कहा, बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता अपने पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य तक दौड़ रहे हैं। उन्हें डर है कि जो एकता उन्हें यहां दिख रही है, उसका नतीजा अगले साल उनकी हार होगी. हर संस्था को विपक्ष के खिलाफ हथियार बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है. यह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा करना है। आइए हम भारत को प्रगति, कल्याण और सच्चे लोकतंत्र के पथ पर वापस ले जाने का संकल्प लें।
कांग्रेस को पीएम पद में कोई दिलचस्पी नहीं
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि हम पीएम पद या सत्ता के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं। मैंने चेन्नई में स्टालिन के जन्मदिन पर भी कहा था कि कांग्रेस को सत्ता और पीएम पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि हमारे बीच आपसी मतभेद हैं। लेकिन ये इतने बड़े नहीं हैं कि हम इन्हें अलग रख न सकें। उन्होंने कहा, आम आदमी के लिए, महंगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग के लिए, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं के लिए, गरीब अपने मतभेदों को पीछे छोड़ सकते हैं।
बैठक में दो साल बाद हुई ममता और सोनिया गांधी की मुलाकात
बेंगलुरु की बैठक में 26 पार्टियों के नेता पहुंचे हैं. इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. दोनों ने एक-दूसरे के स्वास्थ्य और कुशलक्षेम के बारे में पूछा। इस दौरान राजनीतिक चर्चा भी हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी के बीच करीब दो साल बाद ये मुलाकात हुई। इससे पहले ममता ने जुलाई 2021 में सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी, दोनों नेताओं के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं।
हालाँकि, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी नेताओं के बीच बयानबाजी के कारण दोनों के बीच कुछ मनमुटाव भी हुआ। सूत्रों के मुताबिक, ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के उस बयान से नाराज थीं, जिसमें उन्होंने ममता को तानाशाह और टीएमसी कार्यकर्ताओं को गुंडा बताया था।