Javed Ahmed Mattoo| 26 जनवरी से ठीक पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी जावेद अहमद मट्टू को गिरफ्तार किया है। हिज्ब-उल-मुजाहिदीन से जुड़े एक मट्टू पर 10 लाख रुपये का इनाम है। वह A++ श्रेणी का आतंकवादी है। वह कश्मीर घाटी के 10 सबसे खूंखार आतंकियों में से एक है।
जावेद अहमद मट्टू कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके पास से एक पिस्टल और मैगजीन भी बरामद हुई है। वह दिल्ली में अपने हैंडलर से हथियारों की डिलीवरी लेने आया था। वह नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंचे। मुखबिर की सूचना पर स्पेशल सेल ने उसे निजामुद्दीन फ्लाईओवर से पकड़ लिया।
जावेद अहमद मट्टू 14 साल से फरार था। वह सोपोर जिले का रहने वाला है। कई बार पाकिस्तान जा चुका हूं. वह पाकिस्तान को अपना बेस बनाकर जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देता था। वह हिज्ब-उल-मुजाहिदीन में युवाओं की भर्ती भी करता था। दिल्ली पुलिस स्पेशल ने बताया कि मट्टू मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक है और एनआईए भी उसकी तलाश कर रही थी। उसके पास से चोरी की कार व अन्य सामान भी बरामद हुआ है।
#WATCH | Rayees Mattoo says, "I waved the Tiranga from my heart. There was no pressure from anyone…Saare jahaan se achha Hindustan hamara, hum bulbule hain iske ye gulistan hamara. There is development. For the first time I am sitting at my shop on 14th August, it used to be… https://t.co/rWOfMLbTOg pic.twitter.com/hF1yx0P4vI
— ANI (@ANI) August 14, 2023
आपको बता दें कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जावेद अहमद मट्टू के भाई रईस ने अपने घर पर तिरंगा फहराया था, जिसे सोशल मीडिया समेत मुख्यधारा मीडिया में खूब जगह मिली थी। रईस का कहना था कि उसने अपनी मर्जी से ऐसा किया है। इसके लिए उन पर कोई दबाव नहीं था, उन्होंने देशभर के लोगों से कश्मीर घाटी आने की अपील भी की थी।
Delhi Police Special Cell has arrested a terrorist of the outfit Hizbul Mujahideen. He is involved in various terror incidents in Jammu and Kashmir: Delhi Police Special Cell
— ANI (@ANI) January 4, 2024
मट्टू ने उस वक्त कहा था, मैं दिल से तिरंगा फहरा रहा हूं। मेरे ऊपर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है। यहां विकास हो रहा है। मैं 14 अगस्त को पहली बार अपनी दुकान पर बैठा हूं, लेकिन पहले 2-3 दिन सब कुछ बंद था। पहले सत्ता में रहने वाली पार्टियां सिर्फ खेल खेलती थीं। मेरा भाई 2009 में उनमें से एक (आतंकवादी) बन गया। तब से हम नहीं जानते कि वह कैसा है या कहाँ है। अगर वह जीवित हैं तो मैं उनसे वापस आने की अपील करता हूं, अब स्थिति बदल गई है। पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता। हम भारतीय थे, हैं और रहेंगे।