राजद्रोह की जगह देशद्रोह, पहचान छुपाकर संबंध बनाने वालों की खैर नहीं, नए कानून में मिलेगी सख्त सजा

Instead of treason

नई दिल्ली : आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव पर बुधवार को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा हुई। और भारतीय न्यायिक संहिता भी पारित हो चुकी है। इन बदलावों पर गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में विस्तार से जवाब दिया। नए कानूनों में रेप, देशद्रोह आदि जैसे कई मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है। वहीं, अब नए कानून में कहा गया है कि झूठे वादे करके संबंध बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यौन अपराधों में कड़ी सज़ा का प्रावधान

लोकसभा में भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून के मुताबिक, झूठे वादे करके या पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा, ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके अलावा अब सामूहिक बलात्कार के लिए सज़ा 20 साल तक होगी और नाबालिग से बलात्कार के लिए सज़ा मौत या आजीवन कारावास होगी।

मॉब लिंचिंग, आतंकवाद पर भी लगाई फांसी

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है और इस कानून में हम मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि आपने भी वर्षों तक देश पर शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? अमित शाह ने कहा कि अब तक किसी भी कानून में आतंकवाद को परिभाषित नहीं किया गया था। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है ताकि कोई उसकी कमियों का फायदा न उठा सके।

हिट एंड रन पर सजा, राजद्रोह की जगह देशद्रोह

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि देशद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानून को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह देशद्रोह का कानून लाया गया है। देश के खिलाफ बोलना अपराध होगा। सशस्त्र विद्रोह के लिए जेल होगी। नए कानून के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी को 10 साल की सजा होगी। वहीं, अगर दुर्घटना करने वाला व्यक्ति घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी।