Former President of Pakistan Pervez Musharraf passed away : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी। उनका संयुक्त अरब अमीरात के अमेरिकी अस्पताल में इलाज चल रहा था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह एमाइलॉयडोसिस बीमारी से पीड़ित थे।
पिछले दिनों हालात कुछ ऐसे थे
परवेज मुशर्रफ का जो आखिरी वीडियो सामने आया था, उसमें दिखाया गया था कि वह चल नहीं पा रहे हैं। वह पूरी तरह व्हील चेयर पर निर्भर थे और खाना तक नहीं खा पाते थे।
लंबे समय से बीमार
एमिलॉयडोसिस की शिकायत के बाद मुशर्रफ को पिछले साल 10 जून को संयुक्त अरब अमीरात के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो धीरे-धीरे बहु-अंग विफलता में बदल गया। उन्हें पिछले साल जून में वेंटिलेटर पर रखा गया था। लंबी बीमारी के बाद आज उनका निधन हो गया।
फवाद हुसैन ने ट्वीट कर ऐसे याद किया
इमरान खान सरकार में मंत्री रहे फवाद हुसैन ने ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को याद किया. उन्होंने लिखा, परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया, वह एक महान व्यक्ति थे।
پرویز مشرف انتقال کر گئے، وہ بہت بڑے انسان تھے ان کے دوست چھوٹے ثابت ہوئے ہمیشہ پاکستان فرسٹ ان کی سوچ اور نظریہ تھا، خدا غریق رحمت کرے
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) February 5, 2023
दिल्ली में जन्मे परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दरियागंज, नई दिल्ली में हुआ था। 1947 में उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया।
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बंटवारे के चंद दिन पहले ही उनका पूरा परिवार पाकिस्तान पहुंच गया था। उनके पिता सईद ने नई पाकिस्तानी सरकार के लिए काम करना शुरू किया और विदेश मंत्रालय से जुड़े रहे।
तुर्की में जीवन
इसके बाद उनके पिता का तबादला पाकिस्तान से तुर्की हो गया, 1949 में वे तुर्की चले गए। कुछ समय तक वे अपने परिवार के साथ तुर्की में रहे, वहीं उन्होंने तुर्की भाषा बोलना भी सीखा। मुशर्रफ भी युवावस्था में खिलाड़ी रहे हैं।
1957 में उनका पूरा परिवार फिर से पाकिस्तान लौट आया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल और कॉलेज फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर से की।
मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई गई थी
बता दें कि परवेज मुशर्रफ ही वो शख्स हैं, जिन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई थी. पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने इस तरह की सजा दी थी।
परवेज मुशर्रफ पर 3 नवंबर, 2007 को पाकिस्तान में आपातकाल लगाने और दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के लिए दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को दोषी ठहराया गया था। 79 वर्षीय मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया था। मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे थे।
कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख थे मुशर्रफ
कारगिल युद्ध के दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तानी सेना के प्रमुख थे। ऐसा माना जाता है कि भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ करने की योजना के पीछे वह दिमाग था।
कई पाकिस्तानी टिप्पणीकारों का मानना था कि सेना प्रमुख मुशर्रफ ने प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को सूचित किए बिना अपने सैनिकों को सर्दियों के दौरान भारतीय चौकियों पर तैनात करने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि भारतीय सैनिक ऊंचे स्थानों पर स्थित इन चौकियों को छोड़कर ठंडे मौसम में नीचे आ जाते थे।
मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित कर दिया गया
पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और लाल मस्जिद के मौलवी की हत्या के मामले में परवेज मुशर्रफ भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति, जो 2016 से दुबई में रह रहे हैं, 2007 में संविधान को निलंबित करने के लिए राजद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे थे। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और उसके बाद से वापस नहीं लौटे।