Electoral Bond : क्या पाकिस्तानी कंपनी ने राजनीतिक दलों को दिया चंदा? पड़ताल में सामने आया सच

Electoral Bond Details: चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार (14 मार्च) को चुनावी बांड का विवरण सार्वजनिक करने के बाद यह दावा किया गया कि एक पाकिस्तानी कंपनी ने भी राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। इस पाकिस्तानी कंपनी का नाम HUB पावर लिमिटेड बताया जा रहा है। लेकिन एबीपी न्यूज़ आपको ये साफ कर देना चाहता है कि ये वो बिजली कंपनी नहीं है, जो पाकिस्तान में रजिस्टर्ड है, बल्कि HUB Power दिल्ली के गांधी नगर में रजिस्टर्ड कंपनी है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि पाकिस्तान की ‘हब पावर कंपनी लिमिटेड’ (HUBCO) ने राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया है। एबीपी न्यूज ने जब इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली HUB पावर पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारतीय कंपनी है। हब पावर कंपनी पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में पंजीकृत कंपनी है। इस कंपनी की जानकारी जीएसटी पोर्टल पर भी उपलब्ध है। यह कंपनी नवंबर 2018 में पोर्टल पर पंजीकृत हुई थी।

कितना चुनावी चंदा दिया?

इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल देखने पर पता चला कि दिल्ली में रजिस्टर्ड हब पावर कंपनी ने 95 लाख रुपये का राजनीतिक चंदा दिया. यह दान उन्होंने 18 अप्रैल 2019 को दिया था, उस वक्त देश में लोकसभा चुनाव हो रहे थे। यही कारण था कि जैसे ही राजनीतिक चंदे और पाकिस्तानी कंपनियों से कनेक्शन की चर्चा होने लगी, सोशल मीडिया पर इस बात पर चर्चा शुरू हो गई कि क्या पाकिस्तान ने चुनावी फंडिंग की है। हालांकि, एबीपी न्यूज की पड़ताल के बाद अब यह साफ हो गया है कि फंडिंग करने वाली कंपनी भारतीय है।

Electoral Bond: Did Pakistani company donate to political parties? The truth came out in investigation

चुनावी बांड विवरण में और क्या खुलासा हुआ?

चुनाव आयोग के माध्यम से अपलोड किए गए डेटा को देखने से पता चलता है कि ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन और सन फार्मा चुनावी खरीद में शामिल हैं।

बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी ने इन चुनावी बांड को भुनाया है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (966 करोड़ रुपये) ने सबसे ज्यादा कीमत के चुनावी बांड खरीदे हैं।