नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बाद एक और बीमारी ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। दुनियाभर में एक बीमारी का खतरा देखने को मिल रहा है, ये बेहद खतरनाक है। बताया जा रहा है कि 2016 में न्यूयॉर्क के अस्पतालों में अचानक ऐसी बीमारी के मरीज सामने आने लगे थे।
ऐसे लक्षण पहले कभी नहीं दिखे। इस बीमारी का नाम कैंडिडा ऑरिस (Candida auris) है। फंगल इंफेक्शन से होने वाली इस बीमारी पर एक बार फिर विशेषज्ञों की नजर है। इसे फैलने से रोकने के लिए कई उपाय और स्वास्थ्य अलर्ट जारी किए गए हैं।
पिछले साल कैंडिडा ऑरिस के सबसे ज्यादा मरीज अमेरिका के नेवादा और कैलिफोर्निया में पाए गए थे। इस दौरान 29 राज्यों में फंगस की मौजूदगी देखी गई। न्यूयॉर्क में अभी भी ज्यादा मामले सामने आए हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों का कारण जलवायु परिवर्तन है।
यह फंगल संक्रमण 14 साल पहले अचानक इंसानों में उभरा था। तीन महाद्वीपों में एक साथ पाया जाता है। सबसे ज्यादा मामले वेनेजुएला, भारत और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए। फंगस संक्रमण से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक विभिन्न महाद्वीपों में इसकी मौजूदगी परेशान करने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि तीनों ही जगहों की जलवायु एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है।
कैंडिडा ऑरिस नाम की इस बीमारी को लेकर शोधकर्ता पिछले कई सालों से शोध में लगे हुए हैं। इसका संक्रमण 2013 में अमेरिका में देखा गया था। तब से इसे कैंडिडा ऑरिस के नाम से जाना जाने लगा। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2021 तक देश में सबसे ज्यादा मरीज न्यूयॉर्क में पाए गए हैं। वहीं, अन्य इलाकों में भी संक्रमण फैल गया था।
रक्त संचार और सांस का इंफेक्शन
कैंडिडा ऑरिस खतरनाक बीमारियों में से एक है। इससे संक्रमित होने के बाद 30 से 60 फीसदी मरीजों की मौत हो सकती है. इस बीमारी में रक्त संचार और श्वसन संक्रमण हो सकता है। इसमें घाव भी संक्रमित हो सकते हैं। जो लोग पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उनके संक्रमित होने की संभावना सबसे अधिक है।