नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय वास्तविक समय के आधार पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मौसमी इन्फ्लुएंजा की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। मार्च के अंत तक मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा कि वह मौसमी इन्फ्लूएंजा के H3N2 उपप्रकार के कारण रुग्णता और मृत्यु दर पर भी नज़र रख रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि छोटे बच्चों, पहले से मौजूद सह-रुग्णता वाले वृद्ध व्यक्तियों को मौसमी इन्फ्लूएंजा का अधिक खतरा होता है। अब तक, कर्नाटक और हरियाणा ने H3N2 इन्फ्लूएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है।
H3N2 Influenza : H3N2 वायरस के खतरों के बीच कल होगी सरकार की बैठक, दो लोगों की हुई मौत
H3N2, इन्फ्लूएंजा ‘ए’ के एक उपप्रकार से पहली दो मौतों की भारत में पुष्टि की गई है, जिसमें कर्नाटक और हरियाणा के एक-एक मरीज शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन महीनों में एच3एन2 के 90 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक में हीरे गौड़ा (82) नाम के एक व्यक्ति की 1 मार्च को एच3एन2 से मौत होने की पुष्टि हुई है।
Union Health Ministry is keeping a close watch on the Seasonal Influenza situation in various States/UTs through the Integrated Disease Surveillance Programme (IDSP) network on real-time basis. So far, Karnataka and Haryana have confirmed one death each from H3N2 influenza: MoHFW pic.twitter.com/jPlE9zh6Ad
— ANI (@ANI) March 10, 2023
अधिकारी ने कहा कि गौड़ा मधुमेह से पीड़ित थे और उन्हें उच्च रक्तचाप की भी समस्या थी। उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मौत हो गई थी। सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, जिसकी 6 मार्च को रिपोर्ट में वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा में इस वायरस से एक और व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।