यह घटना पूर्वोत्तर शहर में सुबह करीब 3:30 बजे हुई और इस चौंकाने वाली घटना के पीछे का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। मोनी गायकवाड़ (उम्र 44) और भतीजे दीपक गायकवाड़ (उम्र 35) की गोली लगने से हुई है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गायकवाड़ परिवार पुणे के बानेर, बालेवाड़ी इलाके में रहता था। पुलिस बल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत और फिलहाल छुट्टी पर चल रहे भरत गायकवाड़ शनिवार को ही पुणे स्थित अपने घर आये थे।
लेकिन आज सुबह-सुबह उन्होंने पहले अपनी पत्नी मोनी गायकवाड़ और फिर भतीजे दीपक गायकवाड़ की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के वक्त घर में एसीपी भरत गायकवाड़ की मां और दो बच्चे भी मौजूद थे। सुबह-सुबह जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो वे कमरे में पहुंचे। लेकिन तब तक सब कुछ ख़त्म हो चुका था।
हत्याकांड के बाद गायकवाड़ के डरे हुए बच्चों ने पुलिस को फोन पर घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तो घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। इसलिए, इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है, यह जानकारी पुलिस उपायुक्त शशिकांत बोराटे ने दी।
इस बीच पुलिस बल में असिस्टेंट कमिश्नर जैसे वरिष्ठ पद पर कार्यरत एक अधिकारी ने दोहरे हत्याकांड के बाद आत्महत्या कर ली, जिससे पुलिस बल में सनसनी फैल गई। देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या जानकारी सामने आती है कि भरत गायकवाड़ ने अपनी पत्नी और भतीजे की हत्या क्यों की और खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
एएसपी ने मां-बेटे को दे दिया धक्का
गायकवाड़ ने बेड रूम का दरवाजा बंद करने के बाद एसीपी भरत गायकवाड़ ने भी अपने सिर में गोली मार ली, जिससे उनकी भी मौत हो गई। बेटे सुहास ने आनन-फानन में इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी। सूचना मिलने पर आनन-फानन में पहुंची पुलिस तीनों को नजदीकी ज्यूपिटर हॉस्पिटल ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि घटना में लाइसेंसी रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया या कोई और।