Pune Crime News : महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें मिली हैं। एक साथ 7 मौतों से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। सबके मन में एक ही सवाल था कि पूरा परिवार एक साथ कैसे मरा? पुलिस ने पहले इस मामले को सामूहिक आत्महत्या करार दिया था।
लेकिन जब गहन छानबीन और पड़ताल के बाद यह मामला सामने आया तो सभी हैरान रह गए। दरअसल यह मामला आत्महत्या का नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का निकला। पुरानी रंजिश के चलते पूरे परिवार को खत्म कर शवों को नदी में फेंक दिया।
23 जनवरी 2023
पुणे सिटी पुलिस को एक गांव से सूचना मिली कि यवत गांव के बाहरी इलाके में भीमा नदी पर परगांव पुल के पास 4 लोगों के शव मिले हैं। यह सुनते ही महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने फौरन मौके पर पहुंचकर चारों के शवों को पानी से निकालकर कब्जे में ले लिया।
पंचनामा की कार्रवाई के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। घटना स्थल और शवों की स्थिति देखकर लग रहा था कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
24 जनवरी 2023
पुणे सिटी पुलिस को फिर से सूचना मिली कि यवत गांव के बाहरी इलाके में भीमा नदी पर परगाँव पुल के पास फिर से 3 शव मिले हैं। हतप्रभ, परेशान पुलिसकर्मी फिर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने देखा तो वहां तीन लाशें पड़ी थीं। ठीक उसी तरह जैसे एक दिन पहले 4 लाशें मिली थीं। खास बात यह रही कि सभी शव एक दूसरे से करीब 200 से 300 मीटर की दूरी पर पड़े थे।
पुलिस ने आत्महत्या बताया
यह मामला पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। सिर्फ दो दिन में 7 लोगों की लाशें, वो भी एक जगह पर. यह बात पुलिस को परेशान कर रही थी। लेकिन स्थिति का जायजा लेने और प्रारंभिक जांच करने के बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या करार दिया है. पुलिस भी इसी एंगल से मामले की जांच कर रही थी।
पुलिस ने पहले मृतकों की शिनाख्त की
इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले शिनाख्त की। क्योंकि सबसे पहले ये जानना जरूरी था कि मरने वाले लोग कौन थे? बरामद शवों की पहचान करने में पुलिस को देर नहीं लगी। मृतकों की पहचान 45 वर्षीय मोहन पवार, उनकी 40 वर्षीय पत्नी संगीता पवार, उनकी बेटी रानी फलवारे, दामाद श्याम पंडित फलवारे और उनके 3 बच्चों के रूप में हुई है.
पहले यह पुलिस का दावा था
पुणे जिला ग्रामीण पुलिस ने सात लोगों की मौत को आत्महत्या बताया था, लेकिन मामले की जांच भी चल रही थी. इससे पहले पुलिस ने दावा किया था कि परिवार की लड़की को गांव के ही एक लड़के से प्यार हो गया था. इसके बाद दोनों अचानक गांव से गायब हो गए। इसी वजह से एक ही परिवार के सात लोगों ने सुसाइड कर लिया था.
सामूहिक हत्याकांड
अब पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही थी। कई लोगों से पूछताछ भी की जा रही थी। जांच आगे बढ़ी तो पूरी कहानी उल्टी हो गई। पुलिस को पता चला कि यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का मामला है।
पुणे जिला ग्रामीण पुलिस को जांच में पता चला है कि पुरानी रंजिश के चलते इस सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया गया है; और इसे अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि मोहन पवार का मौसेरा भाई था।
पूरे परिवार ने आत्महत्या क्यों की?
पुलिस के मुताबिक मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के थे. पुलिस को मृतक के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान भी नहीं मिले हैं। अब सवाल उठ रहा था कि अगर ये सामूहिक आत्महत्या का मामला है तो पूरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या क्यों और क्यों की? इस सवाल का जवाब पुलिस को तलाशना था। इसलिए पुलिस ने आनन-फानन में मामले की जांच शुरू की।
शातिर हत्यारों की खूनी साजिश
पुणे ग्रामीण पुलिस के मुताबिक, पवार परिवार के सदस्यों के बीच आपसी रंजिश थी. यह दुश्मनी इस हद तक थी कि मोहन के चचेरे भाइयों ने मिलकर उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं अपनी मौत को आत्महत्या दिखाने के मकसद से आरोपियों ने पहले 4 और बाद में 3 लोगों के शवों को घटनास्थल पर फेंक दिया।
पुलिस का दावा है कि आरोपियों की ओर से उनके कुछ परिचितों और रिश्तेदारों ने पहले मोहन पवार के परिवार को इसमें कुछ मिलाकर खिलाया था. जिससे परिवार के सात लोग बेहोश हो गए। इसके बाद पहले चार और फिर तीन लोगों को लेकर नदी में फेंक दिया।
7 में से 6 अरोड़ी गिरफ्तार, एक फरार
पुणे ग्रामीण पुलिस के एक आला अधिकारी ने ‘आजतक’ को बताया कि इस दिल दहला देने वाली हत्या में पुलिस ने मंगलवार देर रात चार चचेरे भाइयों समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने में उसके साथ एक महिला भी शामिल थी।
जबकि इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। साथ ही इस मामले में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है. पूरे परिवार की मौत का मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।