प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने जारी किए बाघों के आंकड़े, जानिए कितनी बढ़ी संख्या

Pm Modi in Karnataka Tiger Count India:

Pm Modi in Karnataka Tiger Count India: आज देश में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे हो गए हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैसूर में तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की है।

पीएम मोदी ने बाघ गणना-2022 के आंकड़े जारी किए हैं। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं. आंकड़े जारी करते हुए पीएम मोदी ने बताया है कि इस समय देश में 3 हजार 1 सौ 67 बाघ हैं.

पीएम मोदी ने जारी किए आंकड़े

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश पिछले कई दशकों से देश का टाइगर स्टेट बना हुआ है। इससे पहले 2010 में मध्य प्रदेश ने यह खिताब जीता था। जो 2018 में फिर हासिल हुआ। उस समय कर्नाटक 2 अंक पीछे था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडस्केप के आधार पर बाघों की संख्या जारी की है। टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के कारण नए टाइगर रिजर्व भी बनाए गए हैं और बाघों को नए अभयारण्यों में स्थानांतरित किया गया है। बाघों की आखिरी गणना 2018 में की गई थी।

जिसके आंकड़े 2019 में सामने आए थे। तब मध्य प्रदेश में 526 और कर्नाटक में 524 बाघ होने की घोषणा की गई थी। दो और बाघ होने से मध्य प्रदेश ने आठ साल पहले खोया टाइगर स्टेट का दर्जा वापस पा लिया।

जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर पहुंचे हैं जहां उन्होंने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर एक स्मरणोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर देख रहे हैं, प्रोजेक्ट टाइगर ने 50 साल पूरे कर लिए हैं. भारत ने न सिर्फ बाघ को बचाया है बल्कि उसे फलने-फूलने के लिए बेहतरीन ईको सिस्टम भी दिया है।

साल 2021 में बाघों की गिनती शुरू हुई थी

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक देश में बाघों की गिनती नवंबर 2021 से शुरू हुई थी। इसका तीसरा चरण अप्रैल 2022 में पूरा हुआ था। बाघों की गिनती में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मदद ली गई थी।

इससे पहले 2018 की जनगणना के दौरान मध्य प्रदेश में 525 बाघ पाए गए थे। 2018 की जनगणना के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 124 बाघ पाए गए, जिन्होंने मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वंशावली में एक विशेष स्थान रखता है।

जानिए कब शुरू हुआ प्रोजेक्ट टाइगर

बता दें कि पांच दशक पहले 1 अप्रैल 1973 को बाघों को बचाने का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया गया था. जिसे प्रोजेक्ट टाइगर नाम दिया गया था। तब से देश में बाघों की आबादी लगातार बढ़ रही है। भारत में हर साल बाघों की आबादी 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।