203 फार्मा कंपनियां, 18 का लाइसेंस रद्द, मिलावट के खिलाफ केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन

Action on Drug Adulteration

Action on Drug Adulteration | देश में दवाओं की मिलावट को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों में एक ऑपरेशन चलाया गया है। उस ऑपरेशन के तहत राज्य और केंद्रीय दवा नियामकों ने 20 राज्यों में जांच की है और कुल 203 फार्मा कंपनियों की पहचान की गई है। इनमें से 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। जांच में सामने आया है कि ये कंपनियां दवाओं की गुणवत्ता के साथ छेड़छाड़ कर रही थीं।

क्यों हुई कार्रवाई?

अब यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब भारतीय दवा कंपनी के कफ सिरप से दूसरे देशों में बच्चों की मौत हुई है। अभी कुछ दिन पहले उज्बेकिस्तान में मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खांसी की दवाई डॉक-1 पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी।

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उन मौतों के बाद यूपी सरकार ने नोएडा की दवा कंपनी मैरियन बायोटेक का लाइसेंस रद्द कर दिया. 12 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी उज्बेकिस्तान में दो ‘घटिया मेडिकल उत्पाद’ (दूषित) उत्पादों का हवाला देते हुए अलर्ट जारी किया था। WHO द्वारा जिन दो उत्पादों का उल्लेख किया गया उनमें Ambronol Syrup और DOK-1 Max सिरप शामिल हैं।

15 दिनों तक कार्रवाई जारी 

उस जांच के बीच केंद्र सरकार ने पूरे देश में अपने स्तर पर विस्तृत जांच शुरू कर दी है. गुणवत्ता से समझौता करने वाली हर फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब तक 20 राज्यों में जांच पहुंच चुकी है, माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पिछले 15 दिनों से लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है. उन 15 दिनों के भीतर, 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। अब इसमें क्या मिलावट हो रही थी, गुणवत्ता से किस रोशनी में समझौता किया जा रहा था, इस संबंध में अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

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