Pathaan Controversy : शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान की रिलीज पर इन दिनों संकट छाया हुआ है. फिल्म लगातार कई विवादों से घिरी हुई है।
फिल्म के गाने, बोल्ड सीन्स और दीपिका पादुकोण की भगवा बिकनी को लेकर काफी बवाल हो चुका है. फिल्म के खिलाफ लोगों का गुस्सा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।
लोगों के इस विरोध के खिलाफ अब फिल्म फेडरेशन भी खड़ा हो गया है. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज यानी FWICE ने हाल ही में सरकार से बहिष्कार की इस प्रवृत्ति के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है।
@fwicemum strongly condemns the ongoing trend of #BoycottBollywood and seek immediate protection against the #hooliganism in #theaters and the #threats to the producers pic.twitter.com/XCBNKEGI3G
— Federation of Western India Cine Employees (@fwicemum) January 6, 2023
बीते दिनों राजनीतिक संगठनों ने देश के कई राज्यों में फिल्म के खिलाफ सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की थी। साथ ही फिल्म को रिलीज नहीं होने देने पर थिएटर्स के मालिकों को धमकी भी दी गई थी।
फेडरेशन ने सरकार से शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की फिल्म पठान की रिलीज सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि, सिर्फ स्टार्स ही नहीं बल्कि लाखों छोटे वर्कर और टेक्नीशियन फिल्मों की रोजी-रोटी पर निर्भर हैं।
ऐसे में फिल्मों का बहिष्कार करने से इंडस्ट्री में काम करने वाले लाखों लोगों के रोजगार पर असर पड़ता है। महासंघ ने कहा कि ऐसे में सरकार को बहिष्कार की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि फिल्म बनने के बाद उसे सेंसर बोर्ड की नजरों से गुजरना पड़ता है।
अगर किसी को फिल्म से कोई शिकायत है तो इसके लिए सेंसर बोर्ड को लिखा जा सकता है। लेकिन किसी खास एजेंडे की वजह से किसी फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं चलने देना बेहद खतरनाक तरीका है। सरकार को इस पर लगाम लगानी चाहिए।