उत्तर प्रदेश के मेरठ में नगर निगम के शपथ ग्रहण के दौरान काफी हंगामा हुआ. वंदे मातरम गाने को लेकर हुए विवाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और असदुद्दीन ओवैसी के AIMIM पार्षदों के बीच मारपीट भी हुई थी. इसके बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और एआईएमआईएम के पार्षदों को बाहर निकाला।
मेरठ के सीसीएस विश्वविद्यालय के सुभाष चंद्र बोस सभागार में नवनिर्वाचित महापौर व पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था. इस बीच भाजपा पार्षदों ने वंदे मातरम गाना शुरू कर दिया। एआईएमआईएम के पार्षदों ने इसका विरोध किया और बैठे रहे। इस दौरान बीजेपी और एआईएमआईएम के पार्षदों के बीच तू-तू-मैं-मैं भी हो गई और इसे लेकर मारपीट तक हो गई.
मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव कर एआईएमआईएम के पार्षदों को बाहर निकाला। इस दौरान एआईएमआईएम के पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया, जिसे मनाने के लिए डीएम दीपक मीणा खुद मौके पर पहुंचे। हालांकि एआईएमआईएम के पार्षदों ने शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया और चले गए। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया है।
मौके पर मौजूद बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी का कहना है कि अगर उन्हें वंदे मातरम से दिक्कत थी तो उन्हें चुप रहना चाहिए था, वंदे मातरम नहीं गाते और चुप रहते, लेकिन एआईएमआईएम के पार्षदों ने अनुचित टिप्पणी की। इससे स्थिति और बिगड़ गई, उन्हें बहिष्कार करने के बजाय शपथ लेनी चाहिए थी। यदि आपने अभी किया है, तो आप केबिन में शपथ लेंगे।
वहीं बीजेपी पार्षदों का कहना है कि ये जिन्ना को मानने वाले लोग हैं. ये ओवैसी के लोग हैं। वे देश का बंटवारा चाहते हैं, जो वंदे मातरम् नहीं गाएगा, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इस मामले में एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि एआईएमआईएम पार्षदों की ओर से वंदे मातरम को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी, उसके बाद हंगामा हुआ, मारपीट हुई, धक्का मुक्की व मारपीट हुई। पुलिस ने सभी को बाहर निकाला।