लखनऊ। प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद जेल में बंद अपराधियों में खौफ पैदा हो गया है। कोई भी अपराधी अपनी जान को खतरे में देखकर जेल से बाहर नहीं आना चाहता। इसका जीता जागता उदाहरण खुद मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) हैं, जो कोर्ट में पेश ही नहीं हुए। उन्होंने अतीक-अशरफ की हत्या का हवाला देते हुए अदालत से कहा कि उनकी जान को खतरा है।
दरअसल, मुख्तार अंसारी के खिलाफ लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. आज की सुनवाई में मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप तय होने थे, जिसके चलते उन्हें कोर्ट में पेश होने को कहा गया था। लेकिन अतीक हत्याकांड के बाद से मुख्तार अंसारी हिल गए हैं।
उसने अपनी जान को खतरा बताया और कोर्ट में पेश होने से इनकार कर दिया। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी की अपील की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से कांफ्रेंसिंग नहीं हो सकी. इस मामले में अब 2 मई को आरोप तय किए जाएंगे।
बांदा जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गई
आपको बता दें कि अतीक हत्याकांड के बाद ही बांदा जेल प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी से निगरानी तेज कर दी है। वहीं पीएसी के जवानों को जेल के बाहर अलर्ट पर रखा गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. जेल के बाहर पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है, जो लगातार हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।
बेटे ने 2022 में चुनाव लड़ा
गौरतलब है कि पूर्वांचल का माफिया डॉन मुख्तार अंसारी लंबे समय से जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी दशकों तक अपराध की दुनिया के साथ-साथ यूपी की राजनीति में भी छाया रहे वे लगातार पांच बार मऊ से विधायक रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी जगह अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा और वह जीतने में भी कामयाब रहे।
मुख्तार पर हत्या, हत्या के प्रयास, दंगे भड़काने, साजिश रचने, धमकी देने, संपत्ति हड़पने, धोखाधड़ी और सरकारी काम में बाधा डालने जैसे कई मामले राज्य की विभिन्न अदालतों में दर्ज हैं।