Sarkari Yojana : भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी किसान भाइयों को कृषि को लेकर मदद करती रहती हैं। इसी क्रम में सरकार समय-समय पर किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती रहती है।
ताकि वह कृषि क्षेत्र से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके। लेकिन भारत के अधिकांश क्षेत्रों में किसानों के लिए सिंचाई सबसे बड़ी समस्या है। देखा जाए तो कुछ क्षेत्रों में भूमिगत जल संकट एक बड़ी समस्या है।
किसानों की इस चुनौती से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक अभियान शुरू किया है। दरअसल, अब राज्य के किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई मॉडल को अपनाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, इसी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हरियाणा सरकार किसानों को ड्रिप, स्प्रिंकलर सिंचाई विधि और बोरवेल स्थापित करने के लिए रिचार्जिंग के लिए बेहतर सब्सिडी दे रही है। बताया जा रहा है कि इन उपकरणों की मदद से पानी को बचाने और स्टोर करने में खास मदद मिलेगी।
सूक्ष्म सिंचाई के लिए अनुदान
राज्य में किसानों द्वारा सूक्ष्म सिंचाई मॉडल को अपनाने के लिए सरकार बोरवेल को रिचार्ज करने पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। इस संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि समय को देखते हुए हमें पानी की खपत कम करने की जरूरत है।
बता दें कि अमूल्य धरोहर जल बचाने के लिए चलाई जा रही योजना के प्रथम चरण में 1000 रिचार्जिंग बोरवेल लगाने का लक्ष्य है। MyGovHaryana के ट्विटर अकाउंट पर यह जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि किसानों को अब बोरवेल रिचार्ज करने के लिए सिर्फ 25 हजार रुपये खर्च करने होंगे, बाकी खर्च सरकार करेगी।
कई राज्यों में जल संकट गहराया
आपको बता दें कि ट्यूबवेल से खेतों की सिंचाई करने पर पानी की बर्बादी ज्यादा होती है. ऐसे में जमीन का जलस्तर काफी तेजी से नीचे जा रहा है, जिससे कई राज्यों में जल संकट गहरा गया है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में सर्वाधिक सिंचाई नलकूपों से की जाती है। ऐसे में यहां भूजल स्तर काफी तेजी से नीचे चला गया है। यही वजह है कि सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही है।
उत्पादन में भी 20 फीसदी तक बढ़ोतरी
बता दें कि ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को ड्रिप सिंचाई कहते हैं। इस विधि से फसलों की सिंचाई करने से लगभग पानी की बर्बादी नहीं होती है। सिंचाई के लिए पाइपों के माध्यम से फसलों पर पानी का छिड़काव किया जाता है। इस तरह पानी बूंद-बूंद करके फसलों की जड़ों तक पहुंचता है। कहा जाता है कि ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। साथ ही फसलों का उत्पादन भी 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
योजना में आसानी से आवेदन कैसे करें
अगर आप हरियाणा राज्य के किसान हैं तो आपको इस योजना का लाभ आसानी से मिल जाएगा। इसके लिए आपको सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, हरियाणा की वेबसाइट hid.gov.in पर जाना होगा। इसके अलावा आप अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।