Child Trafficking | बच्चों की तस्करी का बड़ा मामला आया सामने; रेलवे पुलिस की सतर्कता से 59 बच्चों को छुड़ाया गया

Jalgaon Child Trafficking

जलगांव : देशभर में सोमवार (12 जून) को बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया गया। बिहार से महाराष्ट्र में बच्चों की तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। दानापुर पुणे एक्सप्रेस से भुसावल में रोके गए 29 नाबालिगों को छोड़ दिया गया है। खुलासा हुआ है कि इन सभी बच्चों की उम्र 8 से 15 साल के बीच है। जलगांव जिला बाल कल्याण विभाग की ओर से 29 बच्चों को बिहार राज्य के अररिया व पूर्णिया बाल कल्याण विभाग के समक्ष पेश किया जाएगा।

पूरा मामला क्या है?

रेलवे पुलिस ने बिहार राज्य से महाराष्ट्र तक मानव तस्करी को नाकाम कर दिया है और भुसावल और मनमाड रेलवे स्टेशनों पर रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे पुलिस द्वारा 59 बच्चों को सुरक्षित बचाया गया है। रेलवे सुरक्षा बल को मिली गोपनीय सूचना के मुताबिक यह छापेमारी की गई है।

रेलवे पुलिस ने भुसावल रेलवे स्टेशन से 29 और मनमाड रेलवे स्टेशन से 30 बच्चों को छुड़ाया और उन्हें नासिक और जलगाँव के बाल संरक्षण गृहों में भेज दिया। रेलवे पुलिस की इस कार्रवाई से जहां एक तरफ सनसनी फैल गई है, वहीं रेलवे पुलिस ने भुसावल से एक और मनमाड से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

इन संदिग्धों को रेलवे कोर्ट में पेश किया गया है। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि उक्त बच्चों को मदरसा के नाम से बिहार राज्य के पूर्णिया जिले से सांगली में तस्करी कर लाया जा रहा था। छुड़ाए गए 59 बच्चों का मेडिकल कराया गया है और इन बच्चों को किशोर सुधार गृह भेजा गया है।

चूंकि रेलवे के जरिए मानव तस्करी का मामला प्रकाश में आया है, इसलिए इस मामले में रेलवे पुलिस द्वारा गहन जांच की जा रही है। रेलवे पुलिस के सामने इन बच्चों के माता-पिता का पता लगाने और मामले की जड़ तक पहुंचने की बड़ी चुनौती है। यह देखना भी महत्वपूर्ण है कि क्या इस मामले से मानव तस्करी के कुछ सूत्र अब भी निकलते हैं।