उद्धव ठाकरे के बाद पवार को बड़ा झटका, NCP को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

Sharad Pawar-Uddhav Thackeray

नई दिल्ली : उद्धव ठाकरे के बाद NCP को भी चुनाव आयोग ने बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है।

इसलिए NCP अब राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मौजूद नहीं रहेगी। चुनाव आयोग के इस फैसले से NCP महाराष्ट्र से बाहर घड़ी के चुनाव चिह्न पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी।

एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा तभी प्राप्त होता है जब उसे लोकसभा चुनाव के दौरान चार या अधिक राज्यों में 6 प्रतिशत से अधिक वोट मिलते हैं। इसके अलावा पार्टी को कुल लोकसभा सीटों में से 2 फीसदी यानी तीन राज्यों की 11 सीटों पर जीत हासिल करनी है।

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा राजनीतिक दलों को कई फायदे पहुंचाता है। वे सभी राज्यों में एक ही सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं। साथ ही दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय को भी जगह दी जाती है। चुनावों के दौरान सरकारी प्रसारणों में भी समय दिया जाता है।

एनसीपी के हाथ से घड़ी का सिंबल भी जायेगा

2019 के लोकसभा चुनावों के बाद, एनसीपी की तरह एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में सीपीआई और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का अस्तित्व जांच के दायरे में आ गया। लेकिन चूंकि राज्यों में चुनाव सिर पर हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।

1968 के प्रतीक आदेश के अनुसार, यदि कोई पार्टी राष्ट्रीय मान्यता खो देती है, तो वह देश भर के राज्यों में एक ही चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ सकती है।

चुनाव आयोग के इस फैसले से NCP दूसरे राज्यों में अगला चुनाव घड़ी के सिंबल पर नहीं लड़ पाएगी। लेकिन महाराष्ट्र में एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में एनसीपी की यथा स्थिति होने के कारण, वे घड़ी के चुनाव चिह्न पर महाराष्ट्र में चुनाव लड़ सकेंगे।