Chhatrapati Shivaji’s Daughter-in-Law Maharani Tarabai | छत्रपति शिवाजी महाराज की बहू और उनके बेटे राजाराम की पत्नी महारानी ताराबाई की समाधि आज जर्जर हालत में है। लेखिका मनोशी सिन्हा ने आज एक ट्वीट के जरिए 1700-1707 में मुगलों के खिलाफ मराठा लड़ाई का नेतृत्व करने वाली रानी ताराबाई मोहिते की समाधि की ओर ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट के जरिए यह भी जानकारी दी कि अब एक संस्था सरकार की मदद से रानी ताराबाई की समाधि के संरक्षण की जिम्मेदारी संभालेगी. समाधी की वर्तमान स्थिति पर खेद व्यक्त करते हुए लेखक ने कहा कि, एक ओर जहां आक्रमणकारियों की कब्रों की बहुत देखभाल की जाती रही है, वहीं दूसरी ओर आजादी के 72 साल बाद भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। महारानी ताराबाई की समाधि, जिन्होंने हिंदू धर्म और संस्कृति के लिए लड़ाई लड़ी।
Condition of Samadhi (Mahuli, Maharashtra) of Tarabai Bhosale, who resisted Mughal attacks sev times, herself leading armies to battle n becoz of whom Maratha Empire survived crisis frm 1700-1707! Yes tombs of invaders are well taken care of. Her valor described in #SaffronSwords pic.twitter.com/YoM5TtbU8K
— Manoshi Sinha (@authormanoshi) February 6, 2020
महारानी ताराबाई की लड़ाइयों और उनके महत्व को समझने के लिए इतिहासकार जदुनाथ सरकार की उन पर की गई एक टिप्पणी ही काफी है। इसमें वे लिखते हैं, 1700-1707 के बीच महाराष्ट्र में मुख्य प्रेरक शक्ति कोई मंत्री नहीं बल्कि महारानी ताराबाई थीं, जिन्होंने अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता और मजबूत चरित्र की मदद से उस कठिन समय में राष्ट्र की रक्षा की।