अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज लाया जा रहा है. उन्हें 45 पुलिसकर्मियों के काफिले की सुरक्षा में गुजरात से यूपी लाया जा रहा है। अतीक और उसके भाई अशरफ की 28 मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी है।
एक बेहद अहम मामले में प्रयागराज की अदालत अतीक और अशरफ की मौजूदगी में फैसला सुनाने जा रही है. लेकिन यह मामला यूपी के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा नहीं है. बल्कि जिस मामले में फैसला आना है वह अपहरण से जुड़ा है।
2006 के मामले में फैसला आएगा
यह मामला 17 साल पुराना है। इस मामले की कड़ियाँ उमेश पाल से भी जुड़ी हैं। बात 2006 की है। आरोप के मुताबिक 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल का 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण कर लिया था।
पक्ष में गवाही देने का आरोप
उमेश पाल के अपहरण के बाद अतीक अहमद ने राजू पाल हत्याकांड में अपने पक्ष में गवाही दी। उमेश पाल ने अपह्रना के इसी मामले में अतीक अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। अपहरण के इस मामले में ही कोर्ट 28 मार्च को फैसला सुनाएगी।
उमेश पाल घर लौट रहे थे
बता दें कि उमेश पाल 24 फरवरी को अपहरण के इस मामले को लेकर कोर्ट में बहस के लिए गए थे. कोर्ट की कार्यवाही खत्म होने के बाद उमेश पाल अपने भांजे की क्रेटा कार से घर लौट रहे थे। कोर्ट से उसका पीछा कर रहे बदमाशों ने कार से उतरते ही घर के सामने उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी।
गनर पर भी हमला हुआ, बम फटा
घटना के एक चश्मदीद ने बताया था कि हमले में उमेश पाल को गोली लगी है. इसके बाद वह अपने घर की ओर भागने लगा। इस पर बदमाशों ने संकरी गली में घुसकर फायरिंग कर दी। उमेश पाल का गनर संदीप निषाद भी घायल होकर गली में भागा।
उसे निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम फेंक दिया। संदीप घायल अवस्था में घर के बाहर गिर गया। यह पूरी घटना महज 44 सेकंड के अंदर अंजाम दी गई।
अतीक परिवार पर कई मामले दर्ज
अतीक के भाई अशरफ पर 52 मामले दर्ज हैं। अतीक की पत्नी पर 3, बेटे अली पर 4, उमर पर 1 केस है। वहीं उमेश पाल हत्याकांड में बेटे असद पर ढाई लाख का इनाम घोषित है। दावा है कि अतीक ने राजनीतिक रसूख, डर और अपने गिरोह के दम पर हजारों करोड़ की जमीन पर कब्जा कर लिया।
केवल 5 पुलिसकर्मियों के पास मोबाइल
अतीक को लेकर साबरमती जेल से लौट रही 45 पुलिसकर्मियों की टीम में सिर्फ 5 अधिकारियों के पास मोबाइल फोन हैं. इनमें आईपीएस अभिषेक भारती, एक अन्य आईपीएस और 3 डीएसपी शामिल हैं।
जिस वज्र वाहन में अतीक सफर कर रहा है, उसमें तैनात किसी भी पुलिसकर्मी के पास मोबाइल फोन नहीं है. इन 5 अधिकारियों को छोड़कर सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जब्त किए जा चुके हैं।
भाई अशरफ बरेली जेल में है बंद
अतीक को साबरमती जेल से लाने के लिए यूपी पुलिस की टीम रविवार सुबह ही गुजरात पहुंच गई थी। दरअसल, अतीक और उसका भाई अशरफ उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी हैं।
अतीक के भाई और पूर्व विधायक अशरफ की बात करें तो वह बरेली जेल में बंद है. यहां से सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें प्रयागराज ले जाया जाएगा। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाना है। अतीक के साथ अशरफ को भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।