Ashok Chavan’s Resignation: महाराष्ट्र कांग्रेस को आज और एक झटका लगा है। मिलिद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अशोक चव्हाण के इस्तीफे की कॉपी मिडिया को सौंप दी गई है। पार्टी की सदस्यता से इस्तीफे की कॉपी में विधानसभा सदस्य के आगे पूर्व शब्द लिखा है।
इससे साफ है कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता और विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को सौंप दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर टिक गई है कि अशोक चव्हाण की अगली राजनीतिक दिशा क्या होगी।
अशोक चव्हाण ने लिखा है की, विधान सभा के पूर्व सदस्य, इसलिए उन्होंने विधायकी का इस्तीफा दे दिया है। यह भी पता चला है कि अशोक चव्हाण ने राहुल नार्वेकर से भी मुलाकात की थी। अशोक चव्हाण 14 फरवरी को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
कुछ विधायकों के भी अशोक चव्हाण के साथ जाने की संभावना है। विधानमंडल सूत्रों ने जानकारी दी है कि आज सिर्फ अशोक चव्हाण ने इस्तीफा दिया है। रात 11:24 बजे उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, इसे अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है।
इन नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस
जानकारी के मुताबिक, पिछले चार साल में कांग्रेस छोड़ने वाले कई नेता है। जो गांधी परिवार और राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे, धीरे-धीरे पार्टी से अलग हो गए। इसमें कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, हार्दिक पटेल, अश्विनी कुमार, सुनील जाखड़, आरपीएन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, अल्पेश ठाकोर, अनिल एंटनी, मिलिद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी और अब उनमे अशोक चव्हाण का भी नाम शामिल हैं।
आख़िर क्या कहा गया है इस्तीफ़े में?
मैं 12 फरवरी 2024 को दोपहर के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपता हूं।
आपका विश्वासु,
अशोकराव शंकरराव चव्हाण
इस बात की प्रबल संभावना है कि राज्यसभा दी जाएगी
अशोक चव्हाण को राज्यसभा मिलने की संभावना है। राज्य में मंत्री पद देने का बीजेपी नेताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है, इसलिए पूरी संभावना है कि उन्हें राज्यसभा दिया जाएगा।
नाना पटोले आज दिल्ली जाएंगे
महाराष्ट्र कांग्रेस में बड़े भूचाल के बाद आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले दिल्ली जाएंगे। अशोक चव्हाण को लेकर चल रहे घटनाक्रम पर दिल्ली में वरिष्ठों से चर्चा करेंगे, नाना पटोले रायपुर से दिल्ली जाएंगे।
अशोक चव्हाण कव्हरेज क्षेत्र से बाहर
एक साल से अशोक चव्हाण के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं चल रही थीं। चव्हाण ने खुद इस बात से कई बार इनकार किया था। हालांकि, आज अशोक चव्हाण समेत उनके सभी सचिव संपर्क में नहीं हैं। बावनकुले ने बीजेपी की एक बैठक में सार्वजनिक भाषण में कहा था कि, अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नांदेड़ से सांसद प्रतापराव चिखलीकर ने भी अशोक चव्हाण के बीजेपी में आने को लेकर सार्वजनिक बयान दिया था। सरकार ने भाऊराव चव्हाण सहकारी चीनी फैक्ट्री के 147 करोड़ के ऋण की गारंटी दी थी, जिसके संस्थापक अशोक चव्हाण हैं और वह उनके समूह की ताकत है।
10-12 विधायक भी पाला बदल सकते हैं
अशोक चव्हाण ने आज सुबह 11.24 बजे विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को विधायक पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। स्पीकर कार्यालय ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। स्पीकर राहुल नार्वेकर ने इंडिया टुडे से इसकी पुष्टि की है।
कहा जा रहा है कि वह बीजेपी से राज्यसभा जा सकते हैं। उनके साथ 10 से 12 विधायक भी पाला बदल सकते हैं। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ समय पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ दी है।
उन्होंने अभी तक अपना इस्तीफा महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी को नहीं भेजा है। उन्होंने कल ही महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला से मुलाकात की थी और उनके सामने कुछ मुद्दे रखे गए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष फिलहाल रायपुर में हैं, चर्चा है कि चव्हाण बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
फडणवीस का बयान
अशोक चव्हाण के बारे में राज्य के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मीडिया ने अशोक चव्हाण के बारे में सुना है। लेकिन मैं अभी सिर्फ यही कह सकता हूं कि कांग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा के संपर्क में हैं। जो नेता जनता से जुड़े हुए हैं वे कांग्रेस में घुटन महसूस कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस में कुछ बड़े नेता शामिल होंगे।आगे-आगे देखिए क्या होता है…’
कौन हैं अशोक चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान महाराष्ट्र में कांग्रेस का ऐसा चेहरा देखते हैं जो हर मुश्किल में पार्टी के साथ बने रहते हैं। मोदी लहर होने के बावजूद 2014 में नांदेड से कांग्रेस को भी जीत दिलाई थी। अशोक चव्हाण मूलत: छत्रपती संभाजीनगर जिले के पैठण तहसील के रहने वाले हैं।
लेकिन उनके पूर्वज नांदेड़ में आकर बसे और तब से वो नांदेड़कर कहलाने लगे। उन्हें उनके राजनीतिक विरासत पिता शंकरराव चौहान से मिले जो दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। शंकरराव चौहान की ही पराकाष्ठा के कारण कांग्रेस मजबूत हुई और सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद कांग्रेस को यहां से कोई हिला और हरा नहीं पाया।
अशोक चौहान 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक डेढ़ साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। उनका नाम आदर्श घोटाले में जुड़ गया, इसी कारण से उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा देना पड़ा। उस वक्त के राजनीतिक जानकारों का कहना था कि मुख्यमंत्री पद पर जाने के बाद अशोक चव्हाण का राजनीतिक वनवास शुरू हो गया, वे वापस लौटेने की लगातार कोशिश कर रहे थे।
लेकिन पार्टी के स्तर पर उनकी उपेक्षा हो रही थी। 2014 के आम चुनाव में जीत हासिल की। यहां तक कि वो महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने। लेकिन उनकी बेचैनी बढ़ रही थी, आखिर आज उन्होंने कांग्रेस का साथ और हात छोड़ दिया है।