Agnipath Scheme: अग्निपथ योजना के तहत ‘अग्नीवीरों’ के पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारतीय सेना ने इस बात की जानकारी दी है। भर्ती हुए जवानों ने 25-31 दिसंबर (2022) के बीच सेना के अलग-अलग रेजिमेंटल सेंटरों में रिपोर्ट किया है।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि ‘अग्निवीर’ के पहले बैच में महिलाएं शामिल नहीं हैं। अग्निपथ योजना के तहत देशभर में युवाओं को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में 18-23 साल की उम्र के 19000 युवाओं को सेना में भर्ती किया गया है।
अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इनमें से 458 अग्निवीरों के पहले बैच को सिकंदराबाद, हैदराबाद के 1 ईएमई केंद्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है। आठ महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ही इन अग्निवीरों को सेना में तैनात किया जाएगा।
वहीं, आपको याद होगा कि जब जून 2022 में इस योजना की घोषणा की गई थी, तब भारत के सभी शहरों में हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं, जिसके कारण अग्निपथ योजना को लेकर काफी बहस हुई थी। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों को काम पर रखने की प्रक्रिया जारी रखी।
अग्निपथ योजना क्या है?
अब सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए यही एकमात्र योजना है, इस अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्नीवीर’ के नाम से जाना जाएगा। इन सभी अग्निवीरों की चार साल के लिए सेना में भर्ती की जाएगी, चार साल की सेवा के बाद समीक्षा की जाएगी।
समीक्षा के बाद केवल 25 प्रतिशत अग्निवीर ही सेना में आगे सेवा दे सकेंगे और शेष 75 प्रतिशत सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जो चार वर्ष बाद अग्निवीर सेना में सेवा करेगा, वही सैनिक कहलायेगा।
40 हजार दमकल कर्मियों की भर्ती की जाएगी
इसके अलावा भारतीय सेना के मुताबिक अग्निपथ योजना के तहत पहले साल यानी (2022-23) में कुल 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। वरिष्ठ रक्षा कर्मियों ने प्रशिक्षण पद्धति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण अब ऑटोमेशन पर आधारित है। इस बीच हम विभिन्न उपकरणों और स्वचालित प्रक्रियाओं का उपयोग कर रहे हैं।