अधीनम महंत ने नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी को सौंपा सेंगोल

पीएम मोदी को सौंपा सेंगोल

नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले अधिनाम महंत ने सेनगोल को पीएम मोदी को सौंप दिया है। आज चेन्नई से दिल्ली पहुंचे कई अधीनस्थ महंतों ने सेंगोल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंप दिया।

अधिनाम ने सत्ता हस्तांतरण की इस सांस्कृतिक विरासत को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सौंपा। अधीनम के महंतों ने आज शाम पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक कल सुबह 8:30 से 9:00 बजे के बीच नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना की जाएगी।

नए संसद भवन में स्थापित होगा सेंगोल

नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले अधनम महंत पीएम मोदी के आवास पहुंचे। इस दौरान सेंगोल को पीएम के हवाले कर दिया गया। नए संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास राजदंड (सेनगोल) भी लगाया जाएगा।

Delhi | Adheenams handover the #Sengol to Prime Minister Narendra Modi, a day before the inauguration ceremony of #NewParliamentBuilding

सेंगोल एक सुनहरा प्रतीक है जिसे भारत की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंप दिया गया था। केंद्र के मुताबिक, सेंगोल इलाहाबाद के एक म्यूजियम में पड़ा हुआ था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक रीति से होगा।

सेंगोल क्या है?

प्राचीन भारत में राजा अपने साथ एक प्रतीकात्मक छड़ी लेकर चलते थे। इसे राजदंड कहा जाता है। जिसके पास यह था, पूरे राज्य का वास्तविक शासन उन्हीं के आदेश से चलता था। इसलिए इसे राजदंड कहा जाता था। धार्मिक गुरु भी इसे पहनते थे। वर्तमान में भी यह अधिकांश धार्मिक नेताओं द्वारा पहना जाता है।

हिंदू धर्म के चार प्रमुख शंकराचार्य और ईसाई धर्म के प्रमुख पोप भी एक समान राजदंड लेकर चलते हैं जो उनकी शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। भारतीय शास्त्रों के अनुसार इसे राजा-महाराजा राजगद्दी पर बैठते समय पहनते थे।