मुश्किल में ठाकरे खेमा- भाजपा की वेबसाइट भी बंद, ट्विटर अकाउंट पर बदलें नाम

Thackeray camp in trouble

Thackeray Camp in Trouble | भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट को ‘असली शिवसेना’ घोषित कर दिया है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे से ‘तीर-कामां’ की पहचान भी छीन ली गई है। इसका असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी देखने को मिला, जहां पार्टी का नाम बदलने के बाद ही ब्लू टिक यानी वेरिफिकेशन भी हटा दिया गया।

चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव खेमे ने अपना ट्विटर हैंडल बदलकर @ShivsenaUBT_ कर लिया था। इससे पार्टी का ब्लू टिक छिन गया। इसके अलावा ठाकरे गुट ने यूट्यूब पर भी अपना नाम बदल लिया।

ट्विटर पर पार्टी के आधिकारिक मीडिया हैंडल @ShivsenaComms का ब्लू टिक भी @ShivsenaUBTComm बनने के बाद हटा दिया गया। खबर है कि पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट को भी हटा दिया गया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, नाम को लेकर कैडर के साथ-साथ जनता के बीच भ्रम की स्थिति से बचने के लिए हमने यह कदम उठाया है। नियमों के तहत ट्विटर से ब्लू टिक हटाया गया। हमने पुन: व्हेरीफिकेशन के लिए आवेदन किया है और यह जल्द ही होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिन्ह अपनाने का आदेश दिया. पार्टी पर नियंत्रण के लिए लंबी लड़ाई के बाद 78 पन्नों के आदेश में आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनाव पूरा होने तक ‘मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी।

आयोग ने कहा कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के जीते हुए 55 उम्मीदवारों में से करीब 76 फीसदी वोट एकनाथ शिंदे के समर्थन वाले विधायकों के पक्ष में पड़े थे। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में डाले गए 23.5 प्रतिशत वोट उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को मिले थे।