नौकरियों में 80% आरक्षण, सावरकर को भारत रत्न, शिवसेना की पहली कार्यकारिणी में उठा अहम मुद्दा

Shivsena Update : शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM Eknath Shinde) ने होटल ताज में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक की। इसमें वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव समेत कई अहम प्रस्ताव पेश किए गए थे। सबसे पहले यह मांग शिवसेना की लोकसभा पार्टी के नेता सांसद राहुल शेवाले ने की।

इसके अलावा चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिंतामनराव देशमुख के नाम पर रखने, राज्य में सभी परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को 80 प्रतिशत रोजगार देने, मराठी भाषा को एलीट भाषा का दर्जा देने और मराठी छात्रों को यूपीएससी और एमपीएससी के लिए मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। बैठक। समर्थन करने का प्रस्ताव किया गया।

चुनाव आयोग ने ठाकरे से शिवसेना का नाम, पार्टी का चुनाव चिन्ह हटाया

चुनाव आयोग के 17 फरवरी के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे से शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिह्न छीन लिया गया। चुनाव आयोग ने अपने 78 पेज के फैसले में कहा था कि शिंदे के गुट ने विधानमंडल के सदन के साथ-साथ संगठन में भी बहुमत दिखाया है। आयोग के समक्ष दोनों पक्षों ने पुष्टि के लिए अपने-अपने दावे और दस्तावेज प्रस्तुत किए।

एकनाथ शिंदे गुट के कुल 55 विजयी विधायकों में से 40 विधायक हैं, जो एकीकृत शिवसेना के टिकट पर जीते थे। पार्टी को मिले कुल 47,82,440 वोटों में से 76 फीसदी यानी 36,57,327 वोट शिंदे गुट ने अपने पक्ष में रखे थे।

शिवसेना पर पारिवारिक विरासत के साथ-साथ राजनीतिक विरासत का दावा करने वाला उद्धव ठाकरे गुट 15 विधायकों में से केवल 11,25,113 मतों और कुल 47,82,440 मतों का दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर सका. यानी 23.5 फीसदी वोट ही ठाकरे गुट के पास थे. ठाकरे गुट के पास शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से केवल 15 का समर्थन था।