PM Modi in Lok Sabha | पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मैं राष्ट्रपति को उनके भाषण के लिए धन्यवाद देता हूं।
ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्रपति जी को उनके अभिभाषण पर पहले भी कई बार धन्यवाद देने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार धन्यवाद के साथ-साथ मैं राष्ट्रपति जी को बधाई देना चाहता हूं। अध्यक्ष महोदया ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है।
बहनों और बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आगे कहा कि गणतंत्र के प्रमुख के रूप में राष्ट्रपति की उपस्थिति ऐतिहासिक है और करोड़ों भारतीय नागरिकों, बहनों और बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब लोगों की बात ध्यान से सुनी जाती है तो ये बातें सामने आती हैं कि किसकी क्या क्षमता है, किसकी क्या नीयत है। पीएम ने कहा, राष्ट्रपति ने अभिभाषण में जो बातें कहीं, उन्हें सभी ने माना और पूरे सदन को मंजूरी मिली।
पीएम मोदी का राहुल गांधी पर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि, यहां कई लोगों ने अपने विचार रखे। सबकी बातें सुनते समय यह भी ख्याल आता है कि किसके पास कितनी क्षमता, कितनी योग्यता और कितनी समझ है और किसका क्या इरादा है। कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था, समर्थक झूम रहे थे।
घोटालों और भ्रष्टाचार से मुक्ति
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भाषण में कहा कि देश बड़े-बड़े घोटालों, घोटालों और सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार से आजादी चाहता था, देश को मिल रही है। पॉलिसी पैरालिसिस से निकलकर आज देश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। मुझे उम्मीद थी कि कुछ लोग ऐसी बातों का विरोध जरूर करेंगे। लेकिन किसी ने आपत्ति नहीं की।
देश की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा कि चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता, कई देशों में भयंकर महंगाई है। खाने-पीने का संकट है। हमारे पडोस में भी यही स्थिति है। ऐसे में किस भारतीय को इस बात पर गर्व नहीं होगा कि देश आज भी 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
जी-20 समूह की अध्यक्षता, देश के लिए गर्व की बात
पीएम ने कहा कि आज दुनिया को भारत पर भरोसा है। आज भारत को दुनिया के सबसे अमीर देश जी-20 समूह की अध्यक्षता करने का भी अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है। लेकिन मुझे लगता है कि इससे कुछ लोगों को दुख भी हो रहा है।
2004 से 2014 का दशक घोटालों का
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कुछ लोग मायूस हो रहे हैं, ये मायूसी भी जनता के बार-बार के आदेश के कारण है और अगर कुछ अच्छा होता भी है तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 2004 से 2014 तक का दशक घोटालों का दशक था, उस समय देश हिंसा का शिकार हो गया था।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस के उत्थान और पतन को लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बहुत अच्छा अध्ययन हुआ है, मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर दुनिया की अन्य बड़ी संस्थाओं में भी अध्ययन होगा।
मोदी ने कहा कि यूपीए की पहचान यह बन गई थी कि उसने हर मौके को मुसीबत में बदल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा, 2030 का दशक पूरी दुनिया के लिए भारत का दशक होगा।
ईडी की वजह से सभी विपक्षी दल एक मंच पर
विपक्ष पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, आज ईडी की वजह से सभी विपक्षी दल एक मंच पर आ गए हैं। जो देश के मतदाता नहीं कर पाए, उन्होंने कर दिखाया है। उन्हें ईडी को धन्यवाद कहना चाहिए।
देश की जनता झूठे आरोपों पर विश्वास नहीं करेगी
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि, कुछ लोग सोचते हैं कि मोदी को गाली देने, झूठे आरोप लगाने और कीचड़ उछालने से रास्ता मिल जाएगा। लेकिन मोदी को अखबारों की खबरों और टेलीविजन के चमकते चेहरों पर भरोसा नहीं है, उन्होंने तो सारी उम्र गुजार दी है। उन्होंने कहा, देश की जनता झूठे आरोपों पर विश्वास करने वाली नहीं है।
When Preisdent's Address was going on, some people avoided it. A tall leader even insulted the President. They displayed hatred against ST. When such things were said on TV, the sense of hatred deep within came out. Attempt was made to save oneself after writing a letter later:PM pic.twitter.com/IKgPwxZyPH
— ANI (@ANI) February 8, 2023
आगा-पीछा देखकर क्यों होते गमगीन
लोकसभा में विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने सदन को मशहूर हास्य कवि काका हाथरसी की कुछ पंक्तियां सुनाईं। इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने खूब ठहाके लगाए। काका हाथरसी की पंक्तियां सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आगा-पीछा देखकर क्यों होते गमगीन…जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन।”
कमाल ये है कि, तुम्हें यकीन नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के लोगों के लिए कवि दुष्यंत कुमार ने बहुत बढ़िया बात कही है। उन्होंने जो कहा है कि वो फिट बैठता है। उन्होंने कहा है, ‘तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।’
सदन को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये लोग बिना सिर-पैर की बातें करने की आदी रहने के कारण इन्हें खुद पता नहीं रहता है कि ये अपनी बातों का विरोधाभास करते रहते हैं।