GPTZero अब ChatGPT का खेल करेगा खत्म

Edward Tian

Edward Tian : चैटजीपीटी नाम कुछ अब जाना पहचाना और परिचित हो गया है। एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो पूरी दुनिया में तहलका मचा रहा है। अपने अजूबे कारनामो से दुनिया भर में चर्चा में है, इस प्लेटफॉर्म द्वारा तैयार किए गए एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI-Artificial Intelligence) के आगे गूगल भी संघर्ष करता नजर आ रहा है।

दुनिया में अब तक हम बड़ी आईटी कंपनियों में सिर्फ गूगल और माइक्रोसॉफ्ट को ही मानते रहे हैं, लेकिन इस एक प्लेटफॉर्म ने इन दोनों कंपनियों के होश उउड़ा उड़ा दिए और दोनों ही इस प्लेटफॉर्म पर अपने एक जैसे प्लेटफॉर्म को बाजार में उतारने के लिए आ गईं।

वैसे Google को हाल ही में अपने इसी तरह के ऐप Bard की वजह से अरबों का नुकसान उठाना पड़ा था। यह बात केवल इस ChatGPT की तारीफ करने की दृष्टि से ही सही है। लेकिन Google और Microsoft जो नहीं समझ पाए वह यह है कि कुछ लोग इसका विरोध करने के लिए अपने रास्ते से हट गए हैं।

इसका कारण साफ है। कुछ प्रतिबंधों के साथ कोई भी सुविधा हमेशा बेहतर होती है। इस AI बेस्ड प्लेटफॉर्म की वजह से कई स्कूलों और कॉलेजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उनका मानना था कि कैसे पता लगाया जाए कि छात्र ने अपनी मेहनत से लेख लिखा है या किसी एआई तकनीक की मदद से लेख लिखा गया है।

कई जगहों पर इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए थीसिस में लेख भी जमा किए गए। हाल ही में ChatGPT का उपयोग कुछ परीक्षाओं में भी किया गया और परीक्षाएँ उत्तीर्ण की गईं। अब यह देखा गया है कि वास्तव में मेहनती छात्रों और इस प्रकार के मंच का उपयोग करके मार्क हासिल करने वाले छात्रों में अंतर कैसे किया जाए।

वहीं एक युवक ने इस पूरे घटनाक्रम को करीब से देखते हुए GPTZero ऐप तैयार किया। इसका मकसद साफ था कि कैसे पता लगाया जाए कि कंटेंट एआई की मदद से तैयार किया गया है या उसे खुद लिखा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह ऐप तैयार किया है और इस हीरो की कहानी को अब काफी प्रसिद्धि मिल रही है।

GPTZero के निर्माता का नाम एडवर्ड तियान (Edward Tian) है। हर रचना के साथ प्रति निर्माण का अवसर होता है। ऐसा ही कुछ ChatGPT के साथ हुआ है। ताकि ChatGPT के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके। अगर फोन का गलत इस्तेमाल नहीं होता तो जैमर भी नहीं आते, अगर खेलों में ड्रग्स का इस्तेमाल नहीं होता, तो डोपिंग टेस्ट नहीं होते।

रंबल के संस्थापक एंडी ग्रीनवे (Rumble founder Andy Greenaway) ने एडवर्ड तियान (Edward Tian) पर एक विशेष लेख लिखा है। उन्होंने अपने लेख में बताया कि एडवर्ड टीएन 22 साल का युवक है जो प्रिंसटन यूनिवर्सिटी का छात्र है। उन्होंने बताया कि जब दुनिया नए साल के जश्न में डूबी हुई थी, तब एक युवक चैटजीपीटी के गलत इस्तेमाल के खिलाफ लड़ाई में लगा हुआ था।

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग लैब (Natural Language Processing Lab of Princeton University) में वह रिसर्च कर रहे थे कि कैसे पता लगाया जाए कि कंटेंट एआई ने लिखा है। खुद एआई के क्षेत्र में होने के कारण टीएन को चैटजीपीटी की ताकत और पहुंच का पता था। वह जानता था कि यह कैसे लाखों नौकरियां छीन लेगा।

यह कैसे शिक्षा जगत के लिए चुनौती पेश करेगा। इस वजह से उन्होंने इसे रोकने पर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी कि कैसे पता लगाया जाए कि कोई लेख चैटजीपीटी जैसे एआई टूल की मदद से लिखा गया है या नहीं।

इस प्रकार के कार्यक्रम के बारे में टीएन को पहले से ही जानकारी थी। इसलिए उन्होंने GPTZero नाम से एक ऐप बनाना शुरू किया। उन्होंने तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद ही इस ऐप को बनाया है। टीएन अपना एप बनाने के बाद रात को सोने चले गए और उन्हें विश्वास था कि ज्यादा रिएक्शन नहीं होगा।

लेकिन जब टिएन की नींद खुली तो उसका फोन भयानक संदेशों से भरा हुआ था। पूरे यूरोप से कई प्रधानाध्यापकों, पत्रकारों, शिक्षकों और निवेशकों ने उन्हें संदेश भेजे थे। कई लोगों ने उनका ऐप डाउनलोड किया।

हालात इतने खराब हो गए कि टीएन ने जिस प्लेटफॉर्म पर एप रखा था वह क्रैश हो गया। था। टीएन का एक ही तर्क है कि लोगों को पता होना चाहिए कि कंटेंट मशीन ने लिखा है या इंसान ने।

Read More