नई दिल्ली: अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी ने नब्बे के दशक में देश के सबसे जघन्य बलात्कार मामले को पेश करने वाली और अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े लोगों का पर्दाफाश करने वाली फिल्म ‘अजमेर 92’ सबसे पहले अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी को दिखाने का फतवा जारी किया है। अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी का कहना है कि फिल्म में एक खास समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की गई है।
अगर फिल्म ने अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की छवि खराब करने की कोशिश की तो वे फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। फिल्म रिलीज से पहले दरगाह कमेटी को दिखाने की भी मांग की गई है। इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन के प्रमुख शोएब जमाई ने भी फिल्म को लेकर ट्वीट किया है।
इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि, सैयद गुलाम किबरिया और अजमेर दरगाह कमेटी के महासचिव सरवर चिश्ती के साथ खादिम कमेटी की बैठक के बाद फिल्म ‘अजमेर 92’ को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। फिल्म ‘अजमेर 92’ अगर क्राइम सीन तक ही सीमित है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
हालांकि इसके जरिए अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की छवि को नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर कोशिश करने पर फिल्म निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, साथ ही चेतावनी भी दी है कि देश में शांतिपूर्ण विरोध होगा।
कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों मुंबई की रजा अकादमी और जमीयत उलेमा हिंद के बाद खादिम एसोसिएशन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसी तरह कुछ मुस्लिम संगठनों ने दावा किया है कि इस फिल्म को जानबूझकर ‘द केरला स्टोरी’ की तरह बनाया गया है।
ऐसा था यौन शोषण का मामला
90 के दशक में अजमेर शहर में हुए इस रेप कांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। अजमेर में प्रभावशाली परिवारों द्वारा 100 से अधिक स्कूल और कॉलेज की लड़कियों का यौन शोषण किया गया। इनमें से कई लड़कियों के साथ गैंगरेप भी किया गया था। लड़कियों पर अपनी सहेलियों को साथ लाने का दबाव बनाया जाता था। ऐसा नहीं करने पर उनके परिजनों को अश्लील फोटो दिखाने की धमकी दी गई।
इस तरह आरोपी ने एक के बाद एक 100 से ज्यादा लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर यौन शोषण किया था। अखबार में खुलासे के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और जांच शुरू की गई। इस बीच कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। जिस फोटो लैब में इन तस्वीरों को धोया गया, वहां के कर्मचारियों ने भी लड़कियों को डरा धमका कर उनके साथ रेप किया।
इस मामले के सामने आने के बाद कई लड़कियों ने आत्महत्या कर ली। इस रेप कांड का असर इतना भयानक था कि उन दिनों कोई अजमेर शहर की लड़कियों से भी शादी करने को तैयार नहीं था।
चिश्ती खानदान और कांग्रेस कनेक्शन
इस कांड में अजमेर के मशहूर चिश्ती परिवार के सदस्य भी शामिल थे। पुलिस ने नफीस चिश्ती, फारूक चिश्ती और अनवर चिश्ती सहित अन्य को आरोपी बनाया था। फारूक चिश्ती उस वक्त यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष थे। इनमें से आठ को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस घोटाले के कई आरोपी अब भी फरार हैं और आज तक पकड़े नहीं जा सके हैं।